उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में बसपा के समर्थन से सपा को मिली जीत से पार्टी नेताओं को हौसले बुलंद हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी के खिलाफ यूपी में सपा-बसपा एक साथ सियासी मैदान में उतरने का फैसला कर लिया है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि 2019 में सपा-बसपा का गठबंधन बरकरार रहेगा. अखिलेश ने कहा कि 2019 में कांग्रेस साथ में आना चाहती है तो उसे गठबंधन धर्म का पालन करना होगा.
अखिलेश यादव ने कहा कि गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने हमसे कोई सलाह मशवरा नहीं किया है. कांग्रेस के चुनाव लड़ने का फैसला एकतरफा था. अखिलेश ने साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस 2019 में गठबंधन का हिस्सा बनना चाहती है, तो उसे गठबंधन धर्म का पालन भी करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ हमारा गठबंधन 2017 की तरह से है.
बता दें कि 2017 यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान सपा और कांग्रेस ने गठबंधन करके मैदान में उतरी थी. बावजूद इसके नतीजे सपा-कांग्रेस गठबंधन के खिलाफ आए थे. सपा 225 सीटों से घटकर 47 सीटों पर सिमट गई थी.
यूपी के फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी को मात देने के लिए बसपा ने सपा को समर्थन किया. इसका नतीजा रहा कि बीजेपी के 27 साल पुराना किला गोखपुर ध्वस्त हो गया. सपा-बसपा को जीत का फॉर्मूला मिल गया. राज्यसभा चुनाव में सपा ने बसपा उम्मीदवार को समर्थन किया, लेकिन वो जीत नहीं सकें. इसके बाद विधान परिषद के चुनाव में भी सपा बसपा उम्मीदवार का समर्थन कर रही है.