scorecardresearch
 

यूपी में अब 13 विधान परिषद सीटों के लिए मुकाबला, ये है गणित

राज्य के विधानसभा सदस्यों द्वारा चुनी जाने वाली 38 विधान परिषद सीटों से में 13 सीटों पर चुनाव होने हैं. 5 मई को इनमें से 12 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहे हैं और एक सीट पहले से रिक्त है.

Advertisement
X
अखिलेश यादव, मायावती, योगी आदित्यनाथ
अखिलेश यादव, मायावती, योगी आदित्यनाथ

Advertisement

उत्तर प्रदेश में 10 राज्यसभा सीटों के चुनाव के बाद अब बारी विधान परिषद चुनाव की है. एक बार फिर सत्ताधारी बीजेपी और सपा-बसपा गठबंधन सहित सारा विपक्ष आमने-सामने होगा. राज्य के विधानसभा सदस्यों द्वारा चुनी जाने वाली 38 विधान परिषद सीटों से में 13 सीटों पर चुनाव होने हैं. 5 मई को इनमें से 12 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहे हैं और एक सीट पहले से रिक्त है.

इन सदस्यों का कार्यकाल पूरा

सपा से अखिलेश यादव, राजेंद्र चौधरी, नरेश उत्तम, उमर अली खान, मधु गुप्ता, रामसकल गुर्जर और विजय यादव की विधान परिषद का कार्यकाल पूरा हो रहा है. बीएसपी के विजय प्रताप सिंह और सुनील कुमार चित्तौड़, रालोद के चौधरी मुश्ताक, बीजेपी से मोहसिन रजा और महेंद्र कुमार सिंह का भी कार्यकाल पूरा हो रहा है. इसके अलावा सपा से बीएसपी में गए अंबिका चौधरी की खाली सीट पर चुनाव होने हैं. इस तरह से कुल 13 विधान परिषद सीटें खाली हो रही हैं.

Advertisement

विधान परिषद सदस्य का गणित

सूबे में कुल 100 विधान परिषद सदस्य हैं. इनमें से विधानसभा सदस्यों द्वारा 38 विधान परिषद सदस्यों का चयन होता है. 36 विधान परिषद सीटें ऐसी हैं जो स्थानीय निकाय द्वारा निर्वाचित होती हैं. इसके अलावा 8 सदस्यों का चुनाव शिक्षकों द्वारा और 8 सदस्य स्नातक सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं. वहीं 10 विधान परिषद सदस्य मनोनीत किए जाते हैं. इन सभी सदस्यों का कार्यकाल 6 साल के लिए होता है. विधायकों द्वारा चुने जाने वाले विधान परिषद सदस्यों में से एक तिहाई सदस्य हर दो साल पर चुने जाते हैं.

एक सदस्य के लिए 31 वोट की जरूरत

विधान परिषद की जिन 13 सीटों का चुनाव है, वो विधायकों द्वारा चुने जाने हैं. ऐसे में कुल रिक्त सीट को कुल विधायकों की संख्या से भाग कर दें, जिसका हासिल आएगा. वही संख्या एक विधान परिषद सदस्य के लिए चाहिए. उत्तर प्रदेश में कुल 402 विधान सभा सदस्य हैं और 13 विधान परिषद सीटों पर चुनाव हैं. ऐसे में 402 को 13 से भाग देते हैं तो करीब 31 आता है. इस प्रकार से सूबे की एक सीट के लिए 31 विधायकों के वोट चाहिए.

बीजेपी के 10, विपक्ष दो और 13वीं सीट के लिए घमासान

Advertisement

सूबे की मौजूदा विधानसभा में बीजेपी गठबंधन के पास 324 विधायक हैं. इसके अलावा निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ सपा-बसपा और आरएलडी के बागी विधायकों को मिलाकर 331 का आंकड़ा पहुंचता है. ऐसे में बीजेपी की 10 सीट पर जीत तय है. इसके बाद 21 वोट अतिरिक्त बचेंगे. ऐसे में बीजेपी राज्यसभा चुनाव की तरह 11वां उम्मीदवार मैदान में उतार सकती है. सपा-बसपा और कांग्रेस को मिलाकर विपक्ष दो सीटें आसानी से जीत सकता है. इसके बाद भी उसके 9 वोट बचेंगे. ऐसे में विपक्ष तीसरा उम्मीदवार उतारता है, तो फिर राज्यसभा चुनाव की तरह से मुकाबला दिलचस्प हो जाएगा.

विधान परिषद और राज्यसभा वोटिंग में अंतर

सूबे की 13 विधान परिषद सीटों के चुनाव के लिए अगले महीने अप्रैल में अधिसूचना जारी हो सकती है. दरअसल 5 मई को सदस्यों के कार्यकाल पूरे हो रहे हैं. विधान परिषद चुनाव में विधायक अपना वोट राज्यसभा की तरह पोलिंग एजेंट को दिखाने के लिए बाध्य नहीं होते हैं. ऐसे में क्रॉस वोटिंग होने की ज्यादा संभावना रहती है. ऐसे में अगर 13 सीट पर 14 उम्मीदवार मैदान में आते हैं तो सियासी घमासान देखेने को फिर मिलेगा.

Live TV

Advertisement
Advertisement