उत्तर प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के विधायक मंगलवार को अपनी ही सरकार के खिलाफ विधानसभा के अंदर धरने पर बैठ गए. बीजेपी विधायकों के साथ-साथ विपक्ष के भी तमाम विधायक सदन में धरने पर बैठे और विधायक एकता जिंदाबाद के नारे लगाए. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष के आश्वासन के बाद विधायकों ने धरना खत्म कर दिया. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कुछ विधायकों ने अपनी कठिनाइयां हमें बताई हैं. हमने अपने स्तर से उनकी शिकायतों के निस्तारण का आश्वासन दिया है.
विधायकों की मांग थी कि गाजियाबाद के एसएसपी सुधीर सिंह को सदन में बुलकर दंडित किया जाए. अगर उनपर कार्रवाई नहीं होती है तो विधायक बुधवार को 11 बजे फिर हंगामा करेंगे.
दरअसल, गाजियाबाद से बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर सदन में अपनी बात रख रहे थे, लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया. नंद किशोर का आरोप है कि उन्हें गाजियाबाद पुलिस ने प्रताड़ित किया है. इसी बात को लेकर वह विधानसभा में अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन सदन के अंदर उन्हें बोलने नहीं दिया गया.
नंद किशोर इस बात से नाराज होकर विधानसभा के अंदर धरने पर बैठ गए. इस दौरान उन्हें अन्य विधायकों का भी साथ मिला. इस बीच हंगामा बढ़ने के बाद सदन की कार्यवाही 45 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.
सपा एमएलसी आनंद भदौरिया ने कहा कि विधानसभा कल तक स्थगित होने के बाद भी भाजपा के 100 से ज़्यादा विधायक सदन में अपनी ही सरकार में उपेक्षित होने के कारण बैठे.
विधानसभा कल तक स्थगित होने के बाद भी भाजपा के 100 से ज़्यादा विधायक सदन में अपनी ही सरकार में उपेक्षित होने के कारण बैठे!
इस समय सदन में विपक्ष सहित 200 से ज़्यादा विधायक सरकार की तानाशाही के ख़िलाफ़
यानी सरकार अल्पमत में
समय से पहले जनता को कुकर्मियों से निजात मिलने की उम्मीद pic.twitter.com/JqguyjVvKU
— Anand Bhadauria (@BhadauriyaAnand) December 17, 2019
उन्होंने कहा कि इस समय सदन में विपक्ष सहित 200 से ज़्यादा विधायक सरकार की तानाशाही के खिलाफ धरने पर बैठे हैं.