राम मनोहर बहुत खुश हैं कि अब वह अपने घर पर ही मोबाइल फोन चार्ज कर पाएगा, जबकि इससे पहले उन्हें इसके लिए कई किलोमीटर तक पैदल चलकर जाना होता था. वे उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव चिबाऊखेरा में रहते हैं.
राजधानी लखनऊ से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर बसे इस गांव में आजादी के 65 साल बाद भी बिजली नहीं है, लेकिन अब गांववालों को अंधेरे में नहीं रहना पड़ेगा. दरअसल, सोमवार की शाम गांव में 100 किलोवाट का ट्रांस्फॉर्मर लगाया गया है. बेहद खुश और उत्साहित गांववालों को अपनी किस्मत पर ही यकीन नहीं हो पा रहा है कि उन्हें पूरी रात बिजली नसीब हुई.
मोहनलालगंज से समाजवादी पार्टी की सांसद सुशीला सरोज ने अपने सांसद निधि कोष से गांव के 200 परिवारों को बिजली देने के लिए 10 लाख रुपये दिए हैं. प्रोजेक्ट का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा, 'हम इस बात की घोषणा करते हुए बेहद खुश हैं कि अब गांव को 24 घंटे बिजली मिल सकेगी. इसी तरह के प्रयास अंधेरे में रह रहे दूसरे गांवों में भी किए जाएंगे.'
ज्यादातर गांववाले पेशे से किसान हैं और इस बात को लेकर बेहद खुश हैं कि अब वे ठीक से अपने खेतों को जोत पाएंगे. गांव के एक किसान गंगा सागर ने बाताया, 'हमारी कमाई का एक बड़ा हिस्सा जेनरेटर चलाने के लिए डीजल खरीदने में चला जाता है. बिजली आ जाने से अब हम पंप खरीद सकेंगे.'
गांव के युवा भी बिजली के आ जाने से नई संभावनाओं को लेकर उत्साहित हैं. गांव में दुकान चलाने वाले ब्रिजेंद्र ने बताया, ' अब मैं अपनी दुकान में मोबाइल वाऊचर्स और दूसरा सामान रख सकूंगा.'