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लखनऊ: PFI के 3 सदस्य गिरफ्तार, CAA प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप

नागरिकता संशोधन अधिनियम(सीएए) के खिलाफ लखनऊ में भड़की हिंसा मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 3 सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं. तीनों सदस्यों पर लखनऊ में हिंसक भड़काने का आरोप है.

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पीएफआई के सदस्यों के खिलाफ हिंसा फैलाना का आरोप है (फोटो-कुमार अभिषेक)
पीएफआई के सदस्यों के खिलाफ हिंसा फैलाना का आरोप है (फोटो-कुमार अभिषेक)

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  • तीनों लोगों की गिरफ्तारी हसनगंज थाना क्षेत्र से हुई
  • 19 दिसंबर 2019 को लखनऊ में हिंसा का आरोप

नागरिकता संशोधन अधिनियम(सीएए) के खिलाफ लखनऊ में भड़की हिंसा मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 3 सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं. तीनों सदस्यों पर लखनऊ में हिंसक भड़काने का आरोप है. तीनों की गिरफ्तारी हसनगंज थाना क्षेत्र से हुई है.

गिरफ्तार पीएफआई सदस्यों के नाम शकीलुर्रहमान, शबी खान और अरशद हैं. आरोपी लखनऊ में रहकर पीएफआई के लिए काम करते हैं. लखनऊ में बीते साल 19 दिसंबर को हिंसा भड़की थी.

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का हाथ बताया जा रहा है. जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुताबिक, पीएफआई ने प्रदर्शन के दौरान करीब 130 करोड़ रुपये इकट्ठा किए और इनका इस्तेमाल प्रदर्शन के दौरान किया गया. हालांकि, ईडी के दावों को पीएफआई ने खारिज कर दिया है.

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वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने ट्वीट करते हुए कहा था, 'PFI काम कर रही है Pakistan Front of India की तरह. इसने हिंसक सीएए प्रदर्शनों के लिए 130 करोड़ रुपये खर्च किए. पहले पाकिस्तान ने कश्मीर में पत्थरबाजों को भुगतान किया था. 370 के उन्मूलन के बाद, स्पष्ट है पाकिस्तान ने भारत को अस्थिर करने के लिए हवाला फंड भेजा है. जागो भारत!'

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यह सभी राशि NEFT और IMPS के जरिए जमा की गई थी. इस दौरान कई बार पैसे निकाले गए. ज्यादातर लेनदेन प्रदर्शन के दिन हुई. 2000 और 5000 करके कई बार पैसे निकाले गए हैं. इससे भी स्पष्ट होता है कि इन सभी पैसों का इस्तेमाल घेराव और प्रदर्शन के लिए किया गया.

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