
अफगानिस्तान में तालिबान का राज कायम होते ही वहां लोगों को अपनी जान का डर सताने लगा है. विदेशी लोगों को उनके मुल्क भेजा जा रहा है. भारतीय नागरिकों को भी वापस लाया जा रहा है. जबकि कुछ लोग फंसे हुए हैं. काबुल की एक फैक्ट्री में 18 मजदूर फंस हैं, उन्होंने सरकार से रेस्क्यू की गुहार लगाई है.
जो लोग काबुल में फंसे में उनमें ज्यादा यूपी के हैं. ये लोग चंदौली, गाजीपुर और गाजियाबाद के हैं.
चंदौली के सूरज का परिवार चिंता में
चंदौली जिले के मुगलसराय कोतवाली के अमोघपुर गांव के रहने वाले सूरज कुमार भी काबुल में फंसे हैं. सूरज कुमार इसी साल जनवरी में रोजी-रोटी कमाने काबुल गए थे. सूरज कुमार वहां पर वेल्डर का काम करते थे.
तख्तापलट के बाद जब हालात बदतर हो गए तो सूरज कुमार और उनके साथियों ने आजतक से बातचीत की और भारत वापस लौटने की गुहार लगाई. जानकारी मिलने के बाद आजतक की टीम सूरज कुमार के घर मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के अमोघपुर पहुंची. सूरज कुमार के घर पर मातम का माहौल पसरा हुआ है.
सूरत की पत्नी कर रहीं भगवान से प्रार्थना
सूरज के पिता बुधराम की आंखों में रह-रह कर आंसू छलक जा रहे हैं. वहीं उनकी पत्नी रेखा भगवान से अपने पति की सलामती के लिए लगातार प्रार्थना कर रही हैं. सूरज कुमार का एक छोटा मासूम बेटा भी है जिसे यह नहीं पता कि उसके पिता किस हालात में दूसरे देश में फंसे हुए हैं.
सूरज के साथ फंसे भारतीयों लोगों में गाजीपुर के कन्हैया लाल शर्मा भी हैं. वो यहां के मुबारकपुर कासिमाबाद के रहने वाले हैं. कन्हैया काबुल की सरिया फैक्ट्री में एक महीना पहले गए थे.
अफगानिस्तान के हालात को देखते हुए सूरज के परिजन काफी घबराए हुए हैं. उनके पिता, भाई और पत्नी ने भारत सरकार से अपील की है कि सूरज और उनके साथ फंसे हुए लोगों को जल्द से जल्द भारत लाया जाए.