ताजमहल के रखरखाव मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए हैं. योगी सरकार द्वारा ताजमहल संरक्षण के लिए बनाई गई एक्सपर्ट कमिटी से सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आप एक लिस्ट दें जो आप करना चाहते हैं. आप धीमे चलें लेकिन मकसद पूरा हो ये ध्यान में रखें.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार के पास ताज संरक्षित क्षेत्र (टीटीजेड) में इंडस्ट्रीज की संख्या सही नहीं है तो इसका मतलब है कि जो ड्राफ्ट विजन डाक्यूमेंट दिया गया है वो भी गलत है. कोर्ट ने कहा कि अभी तक सरकार को ये ही नही पता कि क्षेत्र में कितनी इंडस्ट्री चल रही हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी उस वक्त की जब सरकार द्वारा ताज के सरंक्षण के लिए कमिटी बनाई है. कमिटी के सदस्य प्रोफेसर मीनाक्षी दोहते ने सुप्रीमकोर्ट को बताया कि पहले यूपी सरकार ने उन्हें इलाके की इंडस्ट्री की लिस्ट दी थी. बाद में कहा कि उसमें बदलाव किया जाएगा, क्योंकि वो लिस्ट सही नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार की सूची के मुताबिक 1996 में इलाके में 511 इंडस्ट्री थीं. मौजूदा समय में इनमें से कितनी इंडस्ट्री चल रही हैं, ये सरकार को पता ही नहीं है. ताजमहल के आसपास में रेस्टोरेंट और होटलों की क्या स्थिति है? ये भी सरकार को पुख्ता जानकारी नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार द्वारा ताजमहल के संरक्षण के लिए नियुक्त एक्सपर्ट पैनल को एक महीने में विजन डाक्यूमेंट देने को कहा है.