उत्तर प्रदेश के निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी को लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करना भारी पड़ गया है. योगी आदित्यनाथ सरकार ने तत्काल ही एक पत्र जारी कर अमनमणि के मामले से पल्ला झाड़ लिया है.
अमनमणि त्रिपाठी द्वारा सीएम योगी के नाम पर पास जारी करके यात्रा करने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सफाई दी है. जिसमें कहा गया है कि अमनमणि अपने कृत्यों के लिए स्वयं जिम्मेदार हैं.
यूपी सरकार की ओर से कहा गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य सरकार की तरफ से उन्हें कोई पास अधिकृत नहीं किया गया. अमनमणि अपने कृत्यों के लिए स्वयं जिम्मेदार हैं और उनके तथ्यों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ जोड़ना आपत्तिजनक है.
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क्या है पूरा मामला?
बता दें कि उत्तर प्रदेश के निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ लॉकडाउन का उल्लंघन करने के मामले में उत्तराखंड में एफआईआर की गई है. यूपी के विधायक अमनमणि तीन गाड़ियों में 11 लोगों के साथ लखनऊ से उत्तराखंड के चमोली जा पहुंचे थे. उन्होंने पुलिस प्रशासन को जो पास दिखाया वह हैरान करने वाला था.
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दरअसल, उन्हें तीन राज्यों में जाने की अनुमति दी गई थी. पास में तीन कारों के नंबर और 11 लोगों को यात्रा की अनुमति थी. बताया जा रहा है कि अमनमणि त्रिपाठी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट के पितृ कार्य के लिए अनुमति मांगी थी. जबकि सीएम योगी के भाई ने भी इस तरह के किसी कार्य से इनकार किया है. सीएम योगी के भाई महेंद्र ने कहा कि पिता स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट की अस्थियों को प्रवाहित किया जा चुका है.
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टिहरी में दर्ज हुआ केस
कोरोना के चलते पूरे देश में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू है. डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत धार्मिक प्रतिष्ठान पूरी तरह से आम जनता के लिए बंद है. इसके बाद भी अमनमणि त्रिपाठी को इजाजत क्यों दी गई? फिलहाल, अमनमणि के खिलाफ टिहरी के मुनी की रेती थाने में महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया गया है.