scorecardresearch
 

यूपी: जमातियों को भी राहत, लॉकडाउन में दर्ज 323 केस होंगे वापस

बड़ी बात यह है कि इनमें तब्लीगी जमात के खिलाफ दर्ज 323 केस भी शामिल हैं. गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ और मेरठ में सबसे ज्यादा केस तब्लीगी जमातियों पर दर्ज किए गए थे. उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से आदेश गृह विभाग को जारी कर दिए गए हैं.

Advertisement
X
योगी सरकार लॉकडाउन के दौरान दर्ज केस लेगी वापस (फाइल फोटो)
योगी सरकार लॉकडाउन के दौरान दर्ज केस लेगी वापस (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • यूपी सरकार का बड़ा फैसला
  • लॉकडाउन के दौरान दर्ज केस होंगे वापस
  • जमातियों के खिलाफ धारा 188 के केस भी होंगे वापस

उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन के दौरान दर्ज किए गए ढाई लाख केस वापस लेने का फैसला किया है. इतना ही नहीं जमातियों के खिलाफ दर्ज धारा 188 के मुकदमे भी वापस लिए जाएंगे. दरअसल कोरोना से सख्ती से निपटने के लिए यूपी में लॉकडाउन के दौरान करीब ढाई लाख लोगों के खिलाफ  मुकदमे दर्ज किए गए थे. इनमें लॉकडाउन उल्लंघन को लेकर कई धाराओं के तहत मामले दर्ज हुए थे. अब यह सारे मामले वापस होंगे. 

Advertisement

बड़ी बात यह है कि इनमें तब्लीगी जमात के खिलाफ दर्ज 323 केस भी शामिल हैं. गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ और मेरठ में सबसे ज्यादा केस तब्लीगी जमातियों पर दर्ज किए गए थे. उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से आदेश गृह विभाग को जारी कर दिए गए हैं. 

सरकार का मानना है कि मामूली गलतियों के चलते आम लोगों पर आईपीसी की धारा-188 के तहत मामले दर्ज किए गए थे. अब आगे इन मामलों को चलाने का कोई औचित्य नहीं है. उत्तर प्रदेश, लॉकडाउन के दौरान दर्ज केस वापस लेने वाला पहला राज्य बन गया है. 

पिछले साल मार्च महीने के पहले हफ्ते में आगरा में कोरोना का पहला केस मिला था. इसके लिए एक नवविवाहित युवती को जिम्मेदार ठहराया गया था. उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी. यह कोरोना महामारी से जुड़ा राज्य का पहला आपराधिक मुकदमा था.

Advertisement

इसके बाद सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क नहीं लगाने, सार्वजनिक स्थलों पर थूकने आदि जैसे नियमों के उल्लंघन करने के मामले में लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा-188 के तहत मामले दर्ज हुए थे.


 

Advertisement
Advertisement