scorecardresearch
 

UP जिला पंचायत चुनाव: बीजेपी का 65 प्लस जीतने का लक्ष्य, बागियों की घर वापसी और निर्दलीयों को साधने में जुटी

बीजेपी ने यूपी में तीन जुलाई को होने वाले जिला पंचायत के चुनाव में 65 प्लस सीटें जीतना का टारगेट तय किया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बीजेपी हर जिले के लिए अलग-अलग रणनीति बनाई है. यूपी के 75 जिलों में किसी भी जिले में स्पष्ट बहुमत न मिलने की चलते बीजेपी ने निर्दलीय व विपक्षी पार्टियों के सदस्यों को साधने में जुटी है.

Advertisement
X
जिला पंचायत चुनाव
जिला पंचायत चुनाव
स्टोरी हाइलाइट्स
  • यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव 3 जुलाई को
  • बीजेपी बागी नेताओं की घर वापसी कराने में जुटी

उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में भयंकर कशमकश के बीच जोड़तोड़ जारी है. बीजेपी ने यूपी में तीन जुलाई को होने वाले जिला पंचायत के चुनाव में 65 प्लस सीटें जीतना का टारगेट तय किया है.

Advertisement

इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बीजेपी हर जिले के लिए अलग-अलग रणनीति बनाई है. यूपी के 75 जिलों में किसी भी जिले में स्पष्ट बहुमत न मिलने की चलते बीजेपी ने निर्दलीय व विपक्षी पार्टियों के सदस्यों को साधने के साथ-साथ बागी नेताओं को घर वापसी की रणनीति अपनाई जा रही है. 

बता दें कि पिछले दिनों में यूपी के 75 जिलों की कुल 3050 जिला पंचायत सदस्य की सीटों पर चुनाव हुए थे, जिनमें से बड़ी संख्या में निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी. बीजेपी सूबे के किसी भी जिले में बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई थी. ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में अपने वर्चस्व को कायम रखना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है. यही वजह है कि बीजेपी ने जिला पंचायत पर काबिज होने के लिए खास रणनीति बनाई है. 

Advertisement

यूपी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी ने कैंडिडेट के नामों को जिला स्तर पर घोषित करना शुरू कर दिया है. ऐसे में बीजेपी जिताऊ उम्मीदवारों पर ही दांव लगाने की रणनीति अपनाई है. इसके लिए दूसरी पार्टियों के दमदार नेताओं को भी पार्टी में लाकर टिकट दिया जा रहा है ताकि जिला पंचायत पर जीत का पार्टी परचम फहरा सके. 

गाजीपुर में निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य सपना सिंह ने गुरुवार को बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है और कुछ देर के बाद पार्टी ने उनको जिला पंचायत अध्यक्ष पद का प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है. ऐसे ही बलिया में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से चुनी गई जिला पंचायत सदस्य सुप्रिया चौधरी ने गुरुवार को बीजेपी का दामन थामा और पार्टी ने उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष का उम्मीदवार बना दिया. 

यूपी के 75 जिले में से 73 जनपदों में बीजेपी जिला पंचायत चुनाव लड़ रही है जबकि दो जिलों में अपना दल (एस) अध्यक्ष पद का उम्मीदवार उतारेगी. बीजेपी ने सूबे की 65 से ज्यादा जिलों में जीत दर्ज करने का लक्ष्य तय किया है, जिसे हासिल करने के लिए हाल ही में पार्टी कोर कमेटी की बैठक में रणनीति बनाई गई है. जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव जिताने की जिम्मेदारी बीजेपी ने जिला अध्यक्ष और जिला प्रभारी मंत्री को सौंपी गई है. 

Advertisement

जिला प्रभारी मंत्रियों ने अपने-अपने जिलों की कमान संभाल ली है और वो निर्दलीय और दूसरी पार्टियों से जीते सदस्यों को अपने पाले में लाने का काम भी शुरू कर दिया है. इसके अलावा बीजेपी के टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़कर जीतने वाले सदस्यों की घर वापसी कराने का फॉर्मूला तय किया गया है. 

जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में बीजेपी के बगावत कर चुनाव लड़ने वाले नेताओं की घर वापसी का काम पार्टी ने शुरू कर दिया है. बीजेपी ने करीब प्रदेश भर से अभी तक करीब 300 जिला पंचायत सदस्यों को पार्टी में दोबारा से शामिल करा लिया है. बीजेपी ने विपक्षी छोटी पार्टियों से जीते सदस्यों को अपने साथ जोड़ने में जुटी है. 

वहीं, जिला पंचायत में कमल खिलाने के लिए बीजेपी ऐसे नेताओं पर भी दांव लगा रही है जो आर्थिक और राजनीतिक दोनों ही रूप से मजबूत हों. इसके अलावा बीजेपी संगठन ने क्षेत्रीय सांसदों और विधायकों को भी जिलों में डेरा डाल कर पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाने के लिए बोल दिया गया है. 


 

Advertisement
Advertisement