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UP: सपा के 4 प्रत्याशी पीछे हटे, BJP के जिला पंचायत अध्यक्षों की संख्या 20 के पार

उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर जबर्दस्त खेला हो रहा है. 3 जुलाई को होने वाले मतदान से पहले 4 और जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिए जिसका फायदा सीधे तौर पर बीजेपी को हुआ.

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सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)
सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • BJP के 21 प्रत्याशी अब तक निर्विरोध चुन लिए गए
  • कुल बचे 53 सीटों पर अब 3 जुलाई को मतदान होगा
  • पीलीभीत से बीजेपी के स्वामी प्रवक्ता ने 2 बार बदली पार्टी

उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां अपने चरम पर पहुंच चुकी हैं. पूरे प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (SP) के प्रत्याशी आमने-सामने हैं. लेकिन आज मंगलवार को सूबे के चार जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों ने अपने नाम वापस ले लिए. जिसके चलते बीजेपी के प्रत्याशियों को जीत हासिल हो गई.

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दरअसल, जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव प्रक्रिया के तहत आज नाम वापसी का अंतिम दिन था. सहारनपुर, पीलीभीत, बहराइच और शाहजहांपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रत्याशियों द्वारा नाम वापस लिए जाने के बाद इन जिलों में बीजेपी के प्रत्याशियों को विजयी घोषित कर दिया गया. अब कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी उत्तर प्रदेश में 21 जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में विजयी घोषित हो चुके हैं. जबकि समाजवादी पार्टी का एक प्रत्याशी पहले से ही निर्विरोध चुना जा चुका है. इस तरह उत्तर प्रदेश में अब कुल बचे 53 सीटों पर 3 तारीख को मतदान होगा.

शाहजहांपुरः सपा प्रत्याशी बीजेपी में शामिल
शाहजहांपुर में आज जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी बीनू सिंह अचानक उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गईं. इतना ही नहीं बीजेपी में शामिल होते ही बीनू सिंह ने शाहजहांपुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए किए गए अपने नामांकन को वापस ले लिया.

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बीनू सिंह द्वारा नामांकन वापस लिए जाने के बाद यहां पर बीजेपी के प्रत्याशी ममता यादव को विजयी घोषित कर दिया गया.

पीलीभीतः दलबदल नाटकीय घटनाक्रम

पीलीभीत में जिला पंचायत चुनाव के अध्यक्ष पद को लेकर नाम वापसी में खेला हो गया. कुछ दिन पहले सपा में शामिल हुए बीजेपी के जिला पंचायत सदस्य स्वामी प्रवक्ता नंद आज फिर बीजेपी में शामिल हो गए और नाम वापस ले लिया.

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प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि मैंने कैप्टन अभिनंदन का रोल अदा किया. बीजेपी से सपा में एक प्लान के तहत गया था और उनका खेमा खत्म करके पुनः बीजेपी में वापस आ गया हूं.

दरअसल, कुछ दिन पहले जब बीजेपी ने जिला पंचायत अध्यक्ष का टिकट बीजेपी नेता गुरभाग सिंह की पत्नी डॉक्टर दलजीत कौर को दे दिया. तो स्वामी प्रवक्ता नंद नाराज होकर सपा कार्यालय पहुंच गए और सपा में शामिल हो गए. वहीं सपा ने बिना सोचे समझे स्वामी प्रवक्ता नंद को सपा का उम्मीदवार बना दिया. लेकिन नाम वापसी के दिन उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया जिसके फलस्वरुप डॉक्टर दलजीत कौर को जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए निर्वाचित घोषित कर दिया गया.

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बहराइचः बीजेपी की मंजू सिंह जीतीं
बहराइच में सपा प्रत्याशी नेहा अजीज ने भी आज अपना नामांकन वापस ले लिया और बीजेपी की मंजू सिंह को निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष घोषित कर दिया गया. बहराइच जिले में कुल 63 जिला पंचायत सदस्य हैं. यह सीट महिला वर्ग के लिए आरक्षित है.

महिला रिजर्व सीट पर पूर्व विधायक अरुणवीर सिंह की अनुज वधू मंजू सिंह बीजेपी से तो वहीं सपा से नेहा अजीज ने नामंकन दाखिल किया था. लेकिन आज नामांकन वापसी के दिन सपा प्रत्याशी नेहा ने अपना नामंकन वापस ले लिया. जिसके बाद बीजेपी प्रत्याशी मंजू सिंह को निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष घोषित कर दिया गया.

सहारनपुरः संयुक्त मोर्चा नाकाम, बीजेपी जीती
सहारनपुर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी भी बीजेपी की झोली में चली गई. सहारनपुर के इतिहास में पहली बार जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित हुआ है. नाम वापसी के दिन जिला पंचायत अध्यक्ष पद के दूसरे प्रत्याशी जयबीर द्वारा अपना नामांकन वापस लेने के बाद बीजेपी के मांगेराम निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुए.

मांगेराम के जिला पंचायत अध्यक्ष चुने जाने के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल बना हुआ है. बीजेपी नेताओं ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के समर्थन में जमकर नारे भी लगाए.

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दरअसल, सहारनपुर जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट पर अभी तक अधिकतर बसपा का ही कब्जा रहा है. बीजेपी को हराने के लिए सपा, बसपा, कांग्रेस और भीम आर्मी ने एक संयुक्त मोर्चा बनाया था. मगर नामांकन वाले दिन ही संयुक्त मोर्चे में दरार उभर गई थी, जिसके कारण संयुक्त मोर्चे के घोषित प्रत्याशी शिमला देवी नामांकन नहीं कर सकी थीं.

आनन-फानन में कांग्रेस के नेताओं की उपस्थिति में जयवीर जोनी को प्रत्याशी बनाया गया था मगर उन्होंने भी अपना नामांकन वापस ले लिया.

 

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