अभिनव गुप्ता को ईओडब्ल्यू की टीम ने सोमवार को हिरासत में लिया था. इसके बाद से ही उससे लगातार पूछताछ की जा रही है. अभिनव के जरिए ही यूपीपीसीएल का पैसा डीएचएफएल में लगाया गया था. अभिनव गुप्ता और यूपीपीसीएल के दस्तावेजों की जांच की जा रही है.
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (यूपीपीसीएल) के बिजली इंजीनियरों और कर्मचारियों के भविष्य निधि घोटाले में तत्कालीन वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी, ट्रस्ट सचिव पीके गुप्ता और पावर कॉरपोरेशन के पूर्व एमडी एपी मिश्र की गिरफ्तारी के बाद आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) ने अपनी जांच तेज कर दी है.
ईओडब्ल्यू ने पिछले हफ्ते बुधवार को सुधांशु द्विवेदी और पीके गुप्ता को 7 दिनों की पुलिस रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दी, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों को 3 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया. अब कस्टडी रिमांड पर लेकर ईओडब्ल्यू दोनों से पूछताछ शुरू करेगी.
DHFCL में नियमों का उल्लंघन
जानकारी के मुताबिक बिजली विभाग में जिन अधिकारियों पर इंजीनियरों और कर्मचारियों के सामान्य और अंशदायी भविष्य निधि की रकम को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी थी. उन्होंने इस निधि के 4122.70 करोड़ रुपये को असुरक्षित निजी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफसीएल) में नियमों का उल्लंघन करके लगा दिया.
मुंबई हाई कोर्ट द्वारा डीएचएफसीएल के भुगतान करने पर रोक लगाने के बाद बिजली कर्मियों के भविष्य निधि का 2267. 90 करोड़ रुपये (मूलधन) फंस गया है. तत्कालीन वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी, महाप्रबंधक व सचिव ट्रस्ट प्रवीण कुमार गुप्ता और पूर्व एमडी एपी मिश्रा को गिरफ्तार किया जा चुका है.