समाजवादी में तकरार खुलकर सामने आ गई है. पार्टी के दो टुकड़े तय माने जा रहे हैं. सोमवार को हुई बैठक में मुलायम सिंह यादव ने खुलकर अखिलेश विरोधी शिवपाल यादव और अमर सिंह का समर्थन किया. इसके बाद सवाल उठता है कि अब अखिलेश का अगला कदम क्या होगा.
सूत्रों की मानें तो सिंहासन के इस खेल में अखिलेश नई पार्टी भी बना सकते हैं. लेकिन उससे पहले अखिलेश की कोशिश समाजवादी पार्टी में ही कंट्रोल अपने हाथ में रखने की होगी. सीएम विधायकों का समर्थन दिखाकर भी अपना वर्चस्व बचाए रख सकते हैं.
अखिलेश यादव विरोधियों से बाहर जाने को कह सकते हैं. मुख्यमंत्री कह सकते हैं कि जो उनकी असहमत हैं वो नई पार्टी बना लें. इस सबके बाद भी अगर अखिलेश को सफलता नहीं मिलती है तो आखिरी में वो नई पार्टी के गठन पर विचार कर सकते हैं. नई पार्टी का नाम 'समाजवादी विकास पार्टी' या 'प्रोगेसिव समाजवादी पार्टी' हो सकता है.
बैठक में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, 'मेरे पिता मेरे लिए गुरु हैं. नेताजी ने मुझे अन्याय से लड़ना सिखाया. मैं अलग पार्टी क्यों बनाऊंगा. कई लोग गलतफहमी पैदा कर रहे हैं.' अखिलेश बोलते-बोलते रो पड़े. उन्होंने कहा कि मैं नेताजी के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री बना. बैठक में अखिलेश पर आरोप लगाते हुए शिवपाल ने कहा कि अखिलेश अलग पार्टी बनाना चाहते थे. ये बात मैं अपने बेटे की कसम खाकर कहता हूं. मैं गंगा जल हाथ में लेने को तैयार हूं. अखिलेश ने दूसरी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को कहा.