कानून-व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए यूपी सरकार अपने गृह जिलों और आसपास तैनात तकरीबन 40 हजार पुलिसकर्मियों का जल्द तबादला करेगी. माना जा रहा है कि जिले में तैनात पुलिसकर्मी अपराध पर कारगर नियंत्रण में नाकाम साबित हो रहे हैं. दागी व नाकारा दरोगा व थाना प्रभारियों को भी हटाने की तैयारी है.
कानून-व्यवस्था पर चौतरफा उठ रहे सवालों के बीच शुक्रवार को सीएम अखिलेश यादव ने प्रमुख सचिव गृह दीपक सिंघल व डीजीपी एएल बनर्जी को तलब किया. सीएम ने साफ कहा कि कानून व्यवस्था के मोर्चे पर ढिलाई कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सत्ता में आने के बाद सपा सरकार ने निचले स्तर पर पुलिसकर्मियों को राहत देते हुए उन्हें उनके गृह जनपद में तैनात करने का फैसला किया था. तब लगभग 58 हजार सिपाही व दीवान के तबादले किए गए थे. लेकिन कई मामलों में पाया गया था कि गृह जनपद में तैनात सिपाही व दीवान इमरजेंसी ड्यूटी के समय उपलब्ध नहीं हो पाते. साथ ही उनकी मनमानियों की भी शिकायतें सामने आ रही थीं.
यही वजह रही कि हाल ही कैबिनेट ने गृह जिलों तैनात सिपाही व दीवान को जिलाबदर करने का फैसला किया. इस फैसले पर प्रभावी अमल के निर्देश दिए गए थे.