देश में रोज बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या और उससे होने वाली दहशत का असर अस्पतालों में भी साफ देखा जा रहा है. इसके चलते मरीजों की दूसरी गंभीर बीमारियों का इलाज नहीं हो पा रहा है. कुछ ऐसा ही हो रहा छपाक फिल्म में दीपिका पादुकोण के साथ काम करने वाली जीतू शर्मा के साथ. एसिड अटैक पीड़िता जीतू शर्मा के पिता कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. लेकिन लॉकडाउन की वजह से उनका इलाज नहीं हो पा रहा है.
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कोरोना का टेस्ट कराए बगैर अस्पतालों ने इलाज करने से हाथ खड़े कर दिए हैं. उनके पिता का एक भारी दुख ये भी है कि बीमारी के कारण कागजों में आमद नहीं कराने पर मैनपुरी पुलिस ने उनको चार महीने से एक रुपये का वेतन नहीं दिया है. एसिड अटैक पीड़िता जीतू का ये संघर्ष एक दूसरे ही स्तर पर शुरू हो गया है. जीतू के पिता यूपी पुलिस में कांस्टेबल हैं. यूपी पुलिस की तरफ से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली है.
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पड़ोसी जनपद बुलंदशहर के डिबाई निवासी सोमदत शर्मा लगभग 15 साल से बरौला जाफराबाद में रह रहे हैं. दिसंबर में उनकी तैनाती मैनपुरी पुलिस लाइन में हुई. जहां से उन्हें एक थाने में भेजा गया. लेकिन गले में भीषण दर्द होने के कारण वह ज्वाइन नहीं कर पाए. जांच कराई गई तो उनको गले की खाने की नली में थर्ड स्टेज का कैंसर बताया गया.
फिल्म छपाक के सीन में जीतू (राइट साइड)
यहीं से जीतू का संघर्ष शुरू हुआ. अब वह अपने पिता को लेकर अस्पताल के चक्कर लगा रही हैं, लेकिन कोई सुन नहीं रहा है. थाने भी गई जहां पुलिस ने मदद करने से साफ मना कर दिया. दिसंबर से तनख्वाह नहीं मिलने से परिवार में पैसे का भी संकट है.
परिवार के पास इलाज के लिए नहीं है पैसे
जानकारी देते हुए जीतू ने बताया कि अभी तक पिता का इलाज नोएडा स्थित जेपी हॉस्पिटल में चल रहा था. पैसे न होने की वजह से लोन लिया था और उसी से पिताजी नोएडा में ही इलाज करा रहे थे. तयशुदा तारीख पर दिखाने जाते और दवा लेकर लौट आते थे.
बीमार पिता के साथ जीतू (फोटो- Aajtak)
कोरोना वायरस की वजह से नहीं हो पा रहा है इलाज
अब कोरोना का संक्रमण बढ़ने के बाद जेपी अस्पताल वाले कोरोना निगेटिव की रिपोर्ट मांग रहे हैं. बुधवार को एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज के कैंसर डिपार्टमेंट मे दिखाने गए तो वहां भी नहीं देखा गया मेडिकल कॉलेज ने कहा कि नया मरीज नहीं लेंगे, अब जीतू को किसी की मदद का इंतजार है.