यूपी के गोंडा जिले के करनैलगंज कोतवाली में तेजाब व वाशिंग पाउडर के साथ अन्य चीजें मिलाकर दूध बनाने वाली दो फैक्ट्रियां पकड़ी गई हैं. दो साल से दूध के नाम पर जहर बेचने के इस धंधे का खुलासा शनिवार को हुआ जब एसडीएम व सीओ की टीम ने छापा मारकर मौके से छह हजार लीटर केमिकल दूध बरामद किया. इसे गोंडा स्थित एक डेयरी पर भेजे जाने की तैयारी थी.
एक फैक्ट्री नरायनपुर माझा के मजरा भालियनपुरवा व दूसरी नरायनपुर मोड़ पर थी. यह दूध बाराबंकी और बहराइच में भी सप्लाई किया जाता था. एसडीएम राम अभिलाष ने सैंपल लेकर सारा दूध नष्ट करा दिया. उनके अनुसार तेजाब, वाशिंग पाउडर सहित अन्य जानलेवा चीजें मिला बड़े-बड़े ड्रमों में दूध तैयार किया जाता था.
टीम ने कई बोतल तेजाब, रिफाइंड तेल, आरारोट, एक हजार लीटर के दस ड्रम बरामद किया. यहां वाशिंग पाउडर की सात बोरियां बरामद हुई, जिस पर ग्लूकोज पाउडर लिखा था. मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया. शनिवार को मारे गए छापे में दूध से क्रीम निकालने वाली कई मशीनें व मिलावट करने के कई उपकरण मिले.
मिलावटी दूध बनाने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने को एसडीएम ने खाद्य निरीक्षक को निर्देशित किया गया है. कोतवाल बीके यादव ने बताया कि कृष्णपाल निवासी घूरनपुर, विश्राम निवासी तपेसिया, रंगीलाल निवासी करमुल्लापुर बहराइच व कमलेश निवासी लव्वा टेपरा उमरावपुरवा कोतवाली देहात को हिरासत में लिया गया है. तहरीर मिलते ही केस दर्ज किया जाएगा.
सीएचसी करनैलगंज के अधीक्षक डॉ.आफताब आलम बताते हैं कि इस दूध के इस्तेमाल से पाचन तंत्र सबसे ज्यादा प्रभावित होता है. गुर्दे भी खराब हो जाते हैं. इससे हार्ट पर भी असर पड़ता है. चर्म रोग के साथ मानसिक रोग भी हो सकता है.
डॉ. आलम के मुताबिक इस दूध का छह महीने तक लगातार सेवन किया जाए तो जान भी जा सकती है. करनैलगंज के एसडीएम रामअभिलाष बताते हैं कि छापेमारी में दूध बनाने के जो सामान बरामद हुआ है उसे देखकर मैं खुद अचरज में हूं. दूध के नाम पर लोगों को जहर पिलाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.