सपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह की भाषा का प्रयोग योगी आदित्यनाथ करते हैं चाहे वो सदन में हों या फिर स्टेज पर, ऐसी भाषा का इस्तेमाल एक मुख्यमंत्री नहीं कर सकता है. वो कहते हैं कि इनके डीएनए में विभाजन है. अगर डीएनए का फुलफॉर्म बता दें तो हम जान जाएंगे की वो सीएम हैं. कम से कम उन्हें पता होना चाहिए.
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी समाज के हर समुदाय के लोगों से जुड़ेगी. योगी सरकार ने किसानों, युवाओं और मुस्लिमों का अपमान किया है. बीजेपी सपा की योजनाओं पर अपना ठप्पा लगाकर उसे अपना बता रही है. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे अब भी लंबित है. एक्सप्रेसवे सपा सरकार की सौगात है.
बिजली के मुद्दे पर घेरते हुए उन्होंने कहा कि कितनी ट्रांसमिशन लाइन बनाई गई हैं, कितने थर्मल स्टेशन बनाए गए हैं? बिजली कहां है, सीएम को इसका जवाब देना चाहिए. सीएम योगी सदन में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं. सीएम ने अपने भाषण में कहा था कि किसानों को एमएसपी दी गई है जबकि यह गलत है. सरकार झूठ बोल रही है. मक्के, चावल और अन्य अनाज के लिए कोई एमएसपी नहीं दी गई है. 2022 में लोग योगी सरकार को सबक सिखाएंगे. सरकार अपना घाटा पूरा करने के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ा रही है.
गरीब लोग खाने और रहने को लेकर परेशान हैं. यह शर्मनाक है. अपर्णा यादव के राम मंदिर के लिए चंदा देने पर उन्होंने कहा कि चंदा के तौर पर दान करना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि सीएम योगी ने कहा था कि गोरखपुर में मेट्रो बनाई जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सीएम ने कहा की झांसी से लेकर दिल्ली तक एक्सप्रेसवे का निर्माण होगा लेकिन उन्हें असल में रूट का ही पता नहीं है.