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UP: पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के घर पर ईडी का छापा

यौन शोषण केस में जेल में बंद पूर्व कैबिनट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का छापा पड़ा है. अमेठी के आवास विकास कालोनी में स्थित गायत्री के घर पर करीब आधा दर्जन अधिकारी मौजूद हैं.

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पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति (फाइल फोटो)
पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति (फाइल फोटो)

यौन शोषण केस में जेल में बंद पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का छापा पड़ा है. अमेठी के आवास विकास कालोनी में स्थित गायत्री के घर पर करीब आधा दर्जन अधिकारी मौजूद हैं. इलाहाबाद से आई ईडी की टीम घर में गहनता से छानबीन कर रही है.

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पिछले हफ्ते ही गायत्री प्रसाद प्रजापति के बेटे अनिल प्रजापति को गिरफ्तार कर लिया गया था. अनिल प्रजापति पर जालसाजी, धोखाधड़ी समेत कई मुकदमे दर्ज हैं, जिसको लेकर काफी समय से लखनऊ पुलिस उनकी तलाश कर रही थी. अनिल प्रजापति कोर्ट में पेशी के दौरान अपने पिता से मिलने आने वाले था. उसे हजरतगंज से ही गिरफ्तार कर लिया गया था.

गौरतलब है कि गायत्री के पूर्व परिचित और उनकी कंपनी में काम करने वाले बृजभवन चौबे ने गोमती नगर विस्तार थाने में पूर्व मंत्री और उनके बेटे समेत अन्य पर एफआईआर दर्ज कराई थी. लखनऊ पुलिस ने बताया कि 17 दिसंबर को थाना गोमती नगर विस्तार के मु0अ0सं0 163/2020 धारा 506/386/388/419/420/467/468/471/120B भारतीय दंड विधान में वांछित चल रहे अभियुक्त अनिल कुमार प्रजापति पुत्र गायत्री प्रसाद प्रजापति निवासी एलजीएल आवास विकास कालोनी थाना कोतवाली नगर जनपद अमेठी को हजरतगंज चौराहे के पास से गिरफ्तार किया गया. 

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एफआईआर के मुताबिक गिरफ्तार अभियुक्त द्वारा अपने पिता अभियुक्त गायत्री प्रसाद प्रजापति को छुड़वाने के लिए मुकदमे की पीड़िता सविता पाठक के बयान बदलवाने हेतु उसके हक में अपने तथाकथित पांच कंपनियों के निदेशक बृजभवन चौबे को अलग-अलग तारीखों में संपत्तियों का बैनामा कराया, जिसके भुगतान हेतु दो करोड़ रूपये का चेक दिया गया था, जो कि कभी अस्तित्व में ही नहीं आया.

बाद में अभियुक्त अनिल कुमार प्रजापति द्वारा वादी मुकदमा बृजभवन चौबे को गलत तरीके से उन्हें बिना सूचित किये कंपनी से निकाल दिया गया. अभियुक्त अनिल कुमार प्रजापति ने अपने पिता गायत्री प्रसाद प्रजापति को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ऐसा किया, जिसका अब तक की विवेचना से पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं. 

 

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