सैकड़ों साल पुराने अमेठी महल में चल रही अंदरूनी कलह अब सार्वजनिक हो गई. पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह अपने बेटे और बेटियों के साथ रामनगर (अमेठी) स्थित अनंत विक्रम के घर पहुंच गईं.
गरिमा सिंह 20 सालों से लखनऊ में रह रहीं थीं. घर पहुंचने के बाद उन्होंने घर का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया. इस घटना की जानकारी घर के नौकर ने अनंत विक्रम को दी. अनंत विक्रम जब बाहर निकले तब तक अमेठी की पूर्व विधायक डॉ. अमीता सिंह के पीआरओ रामराज मिश्र, योगेंद्र तिवारी उर्फ जोगा व संतोष सिंह असलहों से लैस करीब 15-20 अन्य लोगों के साथ वहां पहुंच चुके थे.
अनंत विक्रम का आरोप है कि इन लोगों ने बिना कुछ कहे उनके चालक पर हमला बोल दिया. पिस्टल की बट और डंडे आदि से चालक की पिटाई करने के साथ ही बीच-बचाव की कोशिश कर रहे अनंत विक्रम पर भी हाथ उठाया.
आरोप है कि हमलावर भवन के अंदर पहुंचे और राजपरिवार की महिलाओं से अभद्रता करते हुए सभी को जान से मारने की धमकी दी. यह सब देखकर उग्र हुए स्थानीय लोगों ने रामराज व उनके साथ आए लोगों पर पथराव करते हुए उन्हें दौड़ा लिया. भीड़ से बचने के लिए रामराज पक्ष की ओर से हवाई फायरिंग भी की गई.
इस घटना के बाद अमेठी की जनता खुलकर अनंत विक्रम के पक्ष में उतर आई है. लोग भूपति भवन के अंदर पहुंच गए. तनाव बढ़ता देख संग्रामपुर, पीपरपुर, मुंशीगंज, महिला थाना व गौरीगंज की फोर्स के साथ ही बड़ी संख्या में पीएसी के जवानों ने भूपति भवन को चारों तरफ से घेर लिया.
इससे भडक़ी पब्लिक ने अमीता सिंह समर्थक बेनीपुर निवासी बच्चा उर्फ हकीमुद्दीन की जमकर पिटाई की और वाहन को पलट दिया. पुलिस को दी गई तहरीर में अनंत विक्रम ने पूरे मामले के लिए सीधे तौर पर पूर्व विधायक अमीता सिंह को जिम्मेदार ठहराया है.