उत्तर-प्रदेश में 13 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है. हर सीट पर फतह के लिए पहले ही प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति कर चुकी बीजेपी ने अब उन सांसदों को पदयात्रा कर जनसंपर्क करने को कहा है, जिनके विधानसभा से संसद पहुंचने के चलते सीटें खाली हुई हैं. सांसद बुधवार से ही विधानसभा क्षेत्रों में पदयात्रा निकाल कर घर-घर जनसंपर्क करेंगे.
खाली सीटों की बात करें तो उत्तर प्रदेश में 11 सीटों पर विधायकों के सांसद बन जाने के कार उपचुनाव होना है. वहीं घोसी से बीजेपी विधायक फागू चौहान के बिहार का राज्यपाल बन जाने से एक सीट खाली हुई और हमीरपुर से पार्टी के विधायक अशोक चंदेल को हत्या के मामले में सजा होने पर सदस्यता खत्म होने से हमीरपुर सीट खाली हुई है.
विधानसभा संयोजक कर रहे कैंप
सभी 13 सीटों पर बीजेपी ने पहले से ही विधानसभा संयोजक नियुक्त कर रखा है. ये संयोजक विधानसभा क्षेत्रों में कैंप कर रहे हैं. पार्टी ने इन्हें चुनाव तक क्षेत्र में सक्रिय रहने को कहा है. विधानसभा संयोजकों की बात करें तो गंगोह में जितेंद्र जांग्ल्यान, रामपुर में संजय पाठक, टूडंला में दीपक राजोरिया व रविंद्र सिंह, हमीरपुर में आशीष पालीवाल, लखनऊ कैंट में मानसिंह, जैदपुर में राम सिंह वर्मा, जलालपुर में मनोज मिश्रा व चंद्रिका प्रसाद बलहा बहराइच में योगेश प्रताप सिंह, प्रतापगढ़ सदर में राजकुमार पाल तथा घोसी विधानसभा सीट के लिए दीनबंधु राव को विधानसभा संयोजक घोषित किया गया है.
अक्टूबर-नवंबर में हो सकते हैं चुनाव
उत्तर प्रदेश में कुल 13 सीटों पर चुनाव होना है. सांसद बन जाने के बाद 11 विधायक जून में ही इस्तीफा दे चुके हैं. वहीं घोसी के विधायक फागू चौहान ने राज्यपाल बन जाने के कारण 26 जुलाई को इस्तीफा दिया था. नियम के मुताबिक सीट खाली होने के छह महीने के अंदर चुनाव कराना चाहिए. ऐसे में नवंबर से दिसंबर के बीच इन सीटों पर चुनाव हो जाना चाहिए. माना जा रहा है कि हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के साथ ही इन खाली सीटों पर आयोग चुनाव करा सकता है.