बहराइच के जिला व सत्र न्यायालय ने आज (7 सितंबर) 24 साल पहले हुए तिहरे हत्याकांड मामले में अपना फैसला सुना दिया. दो सगे भाइयों व भतीजे के ट्रिपल मर्डर मामले में अपर सत्र न्यायाधीश ने अपने फैसले में इस मामले के आरोपी बीजेपी विधायक समेत 4 लोगों को बरी कर दिया. वहीं उनके सगे ग्राम प्रधान भाई समेत 5 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. 24 साल बाद आए इस फैसले पर जहां विधायक ने संतोष जाहिर किया है तो दूसरी ओर (मृतकों के बेटों) ने इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है.
उनका कहना है कि इस मामले में विधायक सुरेश्वर सिंह आरोपी थे, उन्हें सत्तापक्ष का विधायक होने का लाभ मिला है, इसलिए वो छूट गए हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें कोर्ट में अभी भी विश्वास है और इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे. इसके लिए उन्होंने पहले ही हाई कोर्ट में केस ट्रांसफर की अर्जी डाल रखी है, जिस पर सुनवाई आगामी 11 सितंबर को होनी है.
घटना 29 जून, 1995
साल 1995 के 29 जून के दिन थाना खैरीघाट के गांव सिसैया चूणामणि के पूर्व प्रधान गोकरन सिंह अपने भाई अमिरका सिंह व भतीजे बजरंगी सिंह के साथ एक जमीन की रजिस्ट्री करवा कर अपने घर लौट रहे थे, तभी थाना हरदी के पसियन पुरवा गांव के पास घात लगाकर बैठे हथियार बंद लोगों ने उन पर हमला कर दिया और गोलियों से तीनों को भून डाला.
दो भाइयों के साथ भतीजे की नृशंस हत्या में पुलिस ने 11 लोगों पर हत्या व हत्या के प्रयास समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया. उसके बाद पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की और मामले में ट्रायल शुरू हो गया. समय बीतने के साथ मुकदमा लंबा चला. ट्रायल के दौरान 11 आरोपियों में से 2 लोगों की मौत भी हो गई. फिर कोर्ट ने 9 लोगों का ट्रायल जारी रखा.
24 साल के बाद फैसला
साल दर साल इस कोर्ट से उस कोर्ट पहुंचते-पहुंचते मामले को 24 वर्ष बीत गए, लेकिन फैसला तो नहीं हो सका, लेकिन मामले में आरोपी विधायक सुरेश्वर सिंह की राजनैतिक शख्सियत परवान चढ़ती गई और वो वर्ष 2017 में दूसरी बार भारी अंतर से महसी का चुनाव जीतकर विधायक बनने में कामयाब हो गए. वहीं, उनके बड़े भाई बृजेश्वर सिंह ग्राम प्रधान से छलांग लगाकर ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी पर अपनी पत्नी को जितवाने में कामयाब हो गए. हालांकि, इस पूरी राजनीतिक चमक के बीच उनके व उनके भाई पर दर्ज तिहरे हत्याकांड का मामला हमेशा गले की फांस बना रहा.
इसी बीच योगी सरकार ने विधायकों से जुड़े आपराधिक मामलों की सुनवाई इलाहाबाद स्थित स्पेशल कोर्ट स्थानांतरित करने का आदेश दिया, तो विधायक सुरेश्वर सिंह से जुड़ा ये मामला भी इलाहाबाद स्थानांतरित हो गया. लेकिन वादी मुकदमे की पैरवी के चलते मामला फिर से बहराइच के सत्र न्यायालय में स्थानांतरित हो गया.
शनिवार को विधायक सुरेश्वर सिंह की किस्मत का फैसला जब अपर जिला जज प्रथम की कोर्ट से सुनाया जाना था तो सुबह से ही पूरी कचहरी विधायक के समर्थकों से पट गई. पुलिस ने हाई प्रोफाइल मामले की संवेदनशीलता के मद्देनजर न्यायालय परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया.
मामले में 9 आरोपी
मामले के सभी 9 आरोपियों के साथ विधायक सुरेश्वर सिंह दोपहर 2 बजे अदालत पहुंचे जहां अदालत ने उनके समेत 4 आरोपियों को बरी कर दिया. वहीं, दूसरी ओर इसी मामले में शामिल उनके ग्राम प्रधान भाई बृजेश्वर सिंह समेत 5 को आजीवन कारावास व 50-50 हजार अर्थ दंड की सजा सुनाई गई.
इस मामले में दोषी सिद्ध 5 आरोपियों को अदालत ने पुलिस अभिरक्षा में जेल भेज दिया. तिहरे हत्याकांड में 24 वर्ष बाद आए इस फैसले ने विधायक के परिवार में खुशी व गम दोनों स्थिति उत्पन्न कर दी. इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए मामले में मृतक गोकरन सिंह के पुत्र विकास सिंह ने कहा कि कोर्ट ने इस मामले के मुख्य आरोपी को कैसे बरी कर दिया यह समझ से परे है.
वहीं, इस मामले में दूसरे मृतक अमिरका सिंह के पुत्र बैजनाथ सिंह ने इस फैसले में विधायक के दोष मुक्त होने के पीछे उनका सत्तापक्ष से जुड़ा होना बताया है. उनका कहना है कि वो इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे, क्योंकि उनका अभी भी न्याय पालिका में भरोसा है.
- राम बरन चौधरी के इनपुट के साथ