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UP: तीन दिन तक फीडबैक लेने के बाद लौटे बीएल संतोष, अब पार्टी हाईकमान को सौपेंगे रिपोर्ट

बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष और उत्तर प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह पिछले 3 दिनों से लखनऊ पार्टी दफ्तर में जमे हुए थे. चार सालों में यह पहला मौका है, जब शीर्ष नेतृत्व ने कई मंत्रियों को बुलाकर बारी-बारी से फीडबैक लिया.

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बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष (File Photo)
बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष (File Photo)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मंत्रियों और संगठन के साथ हाईकमान की बैठक
  • तीन दिन तक सबसे अलग-अलग लिया गया फिडबैक

उत्तर प्रदेश में सियासी सरगर्मियां तेज हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अंदर खींचतान को लेकर लखनऊ में केंद्रीय नेतृत्व की तीन दिन तक चली बैठक खत्म हो गई है. पार्टी पदाधिकारियों और मंत्रियों के साथ तीन दिन तक निजी मुलाक़ातों के दौर के बाद राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष, दिल्ली रवाना हो गए हैं. अब वह पार्टी आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे.

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बता दें कि बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष और उत्तर प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह पिछले 3 दिनों से लखनऊ पार्टी दफ्तर में जमे हुए थे. चार सालों में यह पहला मौका है, जब शीर्ष नेतृत्व ने कई मंत्रियों को बुलाकर बारी-बारी से फीडबैक लिया. पहले दिन 7 मंत्रियों ने बीएल संतोष से मुलाकात की थी.

मंत्रियों से अकेले-अकेले मिले बीएल संतोष
पहली दिन की मुलाकात में सुरेश खन्ना, जय प्रताप सिंह, दारा सिंह चौहान, महेंद्र सिंह, बृजेश पाठक सहित 7 मंत्रियों से बीएल संतोष और राधामोहन सिंह ने मीटिंग की. इसी दिन शाम में बीएल संतोष ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. डिनर पर हुई यह मुलाकात करीब ढाई घंटे तक चली थी.

इसके बाद दूसरे दिन मिलने वालों में बीएल संतोष ने केशव प्रसाद मौर्य, श्रीकांत शर्मा, स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे कद्दावर नेताओं से मुलाकात किया और उनसे अलग-अलग फीडबैक लिया. इसके वह बीएल संतोष ने संघ के नेताओं से फीडबैक लिया. तीसरे दिन यानी बुधवार को बीएल संतोष ने सिद्धार्थ नाथ सिंह, मोहसिन रजा, स्वाति सिंह सरीखे नेताओं ने मुलाकात की.

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एके शर्मा को लेकर अभी कई तरह की कानाफूसी
बीजेपी के संगठन महासचिव बीएल संतोष से मिलने वाले नेताओं ने मीडिया में चल रही सभी अटकलों को खारिज किया, लेकिन एक बात साफ है कि अकेले में लिया जा रहा है यह फीडबैक सरकार और संगठन दोनों के बारे में है. सबसे ज्यादा एके शर्मा को लेकर चर्चा है. कानाफूसी है कि क्या एके शर्मा को योगी मंत्रिमंडल में कोई अहम जिम्मेदारी दी जाएगी?

सूत्रों के मुताबिक योगी आदित्यनाथ और एके शर्मा के बीच केमिस्ट्री अच्छी नहीं है और ऐसे में योगी, एके शर्मा की एंट्री को लेकर नाराज भी हैं और वे नहीं चाहते हैं की कि उनकी (एके शर्मा) एंट्री ऐसे पद पर हो, जहां से यह संदेश जाए कि सरकार में दो पॉवर सेंटर हैं. हालांकि, करीब हफ्ते भर पहले एके शर्मा ने योगी आदित्यनाथ से करीब घंटे भर मुलाकात की थी.

केशव मौर्या का भी कद बढ़ाने की चर्चा
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बनारस में एके शर्मा काफी सक्रिय रहे और बनारस मॉडल की तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. खैर दूसरी चर्चा है कि बीजेपी, प्रदेश अध्यक्ष पद पर केशव मौर्य को लाना चाहती है ताकि 2022 में ओबीसी चेहरे के तौर पर पार्टी यह दिखा सके कि वह आज भी ओबीसी की पार्टी है.

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कहा यह जा रहा है कि एके शर्मा मंत्रिमंडल में लाए जाएंगे. वहीं केशव मौर्य को डिप्टी सीएम के साथ अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी चुनाव तक के लिए दी जा सकती है. हालांकि बीएल संतोष से मुलाकात के बाद खुद केशव मौर्य ने इन संभावनाओं को खारिज किया था और कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में बीजेपी ने 300 से ज्यादा सीट लाएगी.

दूसरे या तीसरे हफ्ते में हो सकता है बड़ा फेरबदल
दूसरी तरफ यह भी माना जा रहा है कि अकेले में मंत्रियों ने अफसरशाही को लेकर संगठन तक सीधे बात पहुंचाई है और सरकार में उनकी नहीं चलने की शिकायत सीधे बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव से की है.

बीएल संतोष दोपहर बाद दिल्ली रवाना हो गए हैं. वह अपनी रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को देंगे. जून के दूसरे या तीसरे हफ्ते में उत्तर प्रदेश में बदलाव की उम्मीद की जा रही है.

 

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