भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय की जगह स्वतंत्र देव सिंह को उत्तर प्रदेश का नया अध्यक्ष चुना है. स्वतंत्र देव सिंह ओबीसी समुदाय से आते हैं और संघ के आंगन में पले बढ़े हैं. उन्होंने कार्यकर्ता से लेकर संगठनकर्ता तक का सफर तय किया है और मौजूदा समय में योगी सरकार में परिवाहन मंत्री हैं. हालांकि एक दौर में स्वतंत्र देव सिंह पत्रकारिता करते थे.
दिलचस्प बात यह है कि स्वतंत्र देव सिंह का नाम पहले कांग्रेस सिंह था लेकिन बाद में संघ के संपर्क में आने पर उनका नाम स्वतंत्र देव सिंह रख दिया गया. यह नाम स्वतंत्र भारत अखबार से ही प्रेरित था, जिसमें 'कांग्रेस सिंह' काम करते थे. इस तरह लोग आज के दौर में उन्हें स्वतंत्र देव सिंह के नाम से जानने लगे हैं.
स्वतंत्र देव सिंह का जन्म 13 फरवरी 1964 को मिर्जापुर में हुआ है. स्वतंत्र देव ने जालौन को कर्मभूमि बनाई और उनकी शादी झांसी में हुई. जब पुलिस में तैनात उनके भाई का तबादला हुआ तो उन्हीं के साथ 1984 में वे जालौन आ गए. 1985 में ग्रेजुएशन में दाखिला लिया. स्वतंत्र देव सिंह बेहद गरीबी में पले-बढ़े हैं.
स्वतंत्र देव सिंह ने पत्रकारिता भी की
स्वतंत्र देव सिंह कभी पत्रकारिता किया करते थे. छात्र राजनीति के बीच वह 1989-90 में 'स्वतंत्र भारत' अखबार से जुड़े. उरई में वह इसके रिपोर्टर रह चुके हैं. छात्र जीवन में ही राजनीति से जुड़े लेकिन कभी भी करिश्माई सफलता नहीं मिली. उन्होंने 1986 में उरई के डीएवी डिग्री कॉलेज में छात्र संघ चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं सके. इसके बाद 2012 में विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाई और वहां भी करारी हार का सामना करना पड़ा.
पीएम मोदी के करीबी हैं सवतंत्र देव
स्वतंत्र देव सिंह पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी हैं. उन्होंने बीजेपी में कार्यकर्ता से लेकर संगठनकर्ता तक का सफर तय किया है. संघ में रहे स्वतंत्र देव सिंह की छवि काफी ईमानदार है. इतने सालों से राजनीति में रहे स्वतंत्र देव के पास संपत्ति के नाम पर कुछ खास नहीं है.
2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर यूपी के 2017 विधानसभा चुनाव तक यूपी में मोदी की सभी रैलियों को सफल बनाने का जिम्मा स्वतंत्र देव सिंह के पास था और उन्होंने अपनी संगठन क्षमता को साबित भी कर दिया. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार के आने पर उन्हें मंत्री के पद से नवाजा गया और अब उन्हें उत्तर प्रदेश बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है.
स्वतंत्र देव सिंह का सियासी सफर
1986- आरएसएस प्रचारक बने.
1988-89-अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में संगठन मंत्री.
1991- भाजपा कानपुर के युवा शाखा के मोर्चा प्रभारी.
1994- बुन्देलखण्ड के युवा मोर्चा के प्रभारी.
1996- युवा मोर्चा के महामंत्री.
1998- फिर से भाजपा युवा मोर्चा के महामंत्री.
2001- भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष.
2004- विधान परिषद के सदस्य.
2004- प्रदेश महामंत्री बने.
2004 से 2014- तक दो बार प्रदेश महामंत्री.
2010- प्रदेश उपाध्यक्ष बने.
2012- से अभी तक महामंत्री बने हुए.
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