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यूपी निकाय चुनाव में मुस्लिम महिलाओं पर BJP का बड़ा दांव, 2019 लोकसभा चुनाव पर नजर

बीजेपी 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी गुणा-भाग अभी से ही लगाने में जुटी है. बीजेपी खेमे में ये कवायद और चर्चा ज्यादा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में मुसलमानों का कौन सा तबका उन्हें वोट करेगा.

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यूपी में मुस्लिम महिलाओं पर BJP का बड़ा दांव
यूपी में मुस्लिम महिलाओं पर BJP का बड़ा दांव

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उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव का आखिरी दौर 29 नवंबर को निपट जाएगा. 1 दिसंबर को वोटों की गिनती भी हो जाएगी. बीजेपी ने यूपी के इन निकाय चुनावों में 187 मुस्लिम चेहरों पर दांव खेला है जिनमें से अधिकतर महिलाएं हैं. चौंकने की बात है कि सिर्फ सभासद के चुनाव के लिए ही नहीं बल्कि बीजेपी ने 19 नगर परिषद अध्यक्ष पदों के लिए भी मुस्लिम चेहरे उतारे हैं, जिनमें 15 महिलाएं हैं. ये वही बीजेपी है जिसने इस साल के शुरू में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा था.

दरअसल, बीजेपी 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी गुणा-भाग अभी से ही लगाने में जुटी है. बीजेपी खेमे में ये कवायद और चर्चा ज्यादा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में मुसलमानों का कौन सा तबका उन्हें वोट करेगा. उत्तर प्रदेश में शिया समुदाय के वोट कुछ हद तक बीजेपी को मिलते रहे हैं, लेकिन अब पार्टी अपना दायरा बढ़ाने के लिए मुस्लिम महिला वोटरों को भी अधिक से अधिक साथ जोड़ने के लिए मशक्कत कर रही है.

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यूपी के इस निकाय चुनाव के दौरान मुस्लिम बहुल इलाकों में भी बीजेपी के झंडे-पोस्टरों के साथ पार्टी के नेता गलियों में प्रचार करते देखे गए. ऐसे इलाकों में जहां बीजेपी के नेता बहुत ही कम जाया करते थे. वहां ना सिर्फ पार्टी के दफ्तर खुले बल्कि बीजेपी के मुस्लिम चेहरे धड़ल्ले से सभाएं भी करते नजर आए.

मुस्लिम बहुल इलाकों में यूपी के इकलौते मुस्लिम मंत्री मोहसिन रजा ने खूब सभाएं कीं. तंग गलियों से लेकर छोटे कस्बों तक बीजेपी नेताओँ को सुनने के लिए लोग भी जुटे. ये अलग बात है कि इन सुनने वालों में से कितने वोट में तब्दील हो पाते हैं. 1 दिसंबर को निकाय चुनाव के नतीजों में ये साफ हो जाएगा. लेकिन इतना जरूर है कि बीजेपी ने मुस्लिम बहुल इलाकों में भी अपनी मौजूदगी जरूर दर्ज करा दी है.

निकाय चुनावों में रामपुर, अमरोहा, सीतापुर, बरेली लखीमपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर सरीखे जिलों में, जहां मुसलमानों की खासा तादाद है, BJP ने जमकर मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा. मुस्लिम बहुल जिलों के अलावा BJP ने लखनऊ में 4 और वाराणसी में भी 3 मुसलमानों को टिकट दिए हैं. लखनऊ में पार्टी के 4 मुस्लिम उम्मीदवारों में 2 महिलाएं हैं जबकि वाराणसी में 3 उम्मीदवारों में से 2 मुस्लिम महिलाएं चुनाव में किस्मत आजमा रही हैं.

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बीजेपी के निकाय चुनाव प्रभारी जे.एस राठौर कहते हैं कि बीजेपी की तरफ मुसलमानों का रुझान बढ़ा है. ट्रिपल तलाक का मुद्दा उठने के बाद मुस्लिम महिलाएं बड़ी तादाद में आगे आई हैं. ऐसे में हमारी कोशिश इन्हें पार्टी से जोड़ने की है क्योंकि हमारा नारा है सबका साथ, सबका विकास.’

फतेहपुर के वॉर्ड नंबर 20, सैयद वॉर्ड से सभासद का चुनाव लड़ रही शब्बीरी बेगम कहती हैं कि वे 10 साल से BJP से जुड़ी रही हैं और इस बार पार्टी से टिकट मांगा तो मिल गया. शब्बीरी बेगम का कहना है कि वे चुनाव जीत कर दिखाएंगी कि उन्हें हिन्दू और मुसलमान, सभी का समर्थन हासिल है. शब्बीरी बेगम के इलाके के मतदाता भी उनके बारे में कहते हैं कि कई वर्ष से वे समाज सेवा से जुड़ी रही हैं.

लखीमपुर खीरी के हिदायत नगर के वॉर्ड नंबर 26 से फरजाना बेगम BJP की उम्मीदवार हैं. फरजाना कहती हैं कि ट्रिपल तलाक से छुटकारा पीएम नरेंद्र मोदी ने दिलवाया है, ऐसे में मुस्लिम महिलाओं का बड़ा तबका उनके नाम पर वोट करेगा.  इस इलाके की महिलाएं भी फरजाना के सुर में सुर मिलाती नजर आईं.

मुस्लिम इलाकों में बीजेपी के लिए सघन प्रचार करने वाले यूपी के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा कहते हैं कि इस दफा मुसलमानों की नजर बीजेपी की तरफ भी जा रही है क्योंकि बीजेपी ने हर गली मोहल्ले में अपने झंडे बैनर के साथ संगठन खड़ा कर दिया है. मोहसिन रजा के मुताबिक ये तैयारी सिर्फ 2019 की नहीं बल्कि बीजेपी को मुसलमानों के दिलों तक ले जाने की है.

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निकाय चुनाव के दो चरण निकल चुके हैं और आखिरी चरण का चुनाव प्रचार भी खत्म हो गया है. अब 29 नवंबर को आखिरी चरण का चुनाव होना है. बीजेपी के 187 मुस्लिम उम्मीदवारों में से कितने जीत पाएंगे, ये तो 1 दिसंबर को नतीजों से साफ हो जाएगा. लेकिन जिस तरीके से बीजेपी ने निकाय चुनाव के लिए मुस्लिम उम्मीदवार चेहरों में महिलाओं को तरजीह दी है, उससे तय है कि 2019 लोकसभा चुनाव तक वो मुसलमानों में भी अपने लिए एक वोट बैंक खड़ा होते देखना चाहती है.

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