उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर सियासत गर्म है. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया है. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर हमला बोला, तो सरकार की ओर से उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने मोर्चा संभाल सपा अध्यक्ष पर पलटवार किया.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा लोगों को तोड़ने का काम करती है. उन्होंने स्वयं भी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का फॉर्म नहीं भरने का ऐलान करते हुए लोगों से यह न भरने का आह्वान किया. अखिलेश ने कहा कि भारतीय होने के लिए किसी तरीके का सबूत देने की जरूरत नहीं है. यह सरकार रोजगार और दूसरे महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए एनआरसी और सीएए के मुद्दे पर लोगों को गुमराह कर रही है.
नहीं चाहिए एनपीआर, हमें चाहिए रोजगार
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ही सरकार पीएफआई और अन्य संगठनों की जांच कराने और रोक लगाने की बात कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि नहीं चाहिए एनपीआर, हमें चाहिए रोजगार. पूर्व मुख्यमंत्री ने यूपी पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह पर भी निशाना साधा और कहा कि वह रिटायर होने वाले हैं, अच्छा है कि वह चले जाएं. वह किस तरह के डीजीपी हैं, पूरा पुलिस महकमा जानता है.
डीजीपी के बयान पर क्या बोले अखिलेश
नोएडा के आईपीएस अधिकारी वैभव कृष्णा के बारे में एक जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उन्होंने एक गोपनीय रिपोर्ट भेजी थी. इसमें समाजवादी पार्टी की सरकार के समय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ओएसडी रहे मनोज भदौरिया का भी नाम रहा है, लिहाजा उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है और जांच चल रही है.
डीजीपी के इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें किसी मनोज भदौरिया के बारे में जानकारी नहीं है. अगर कोई बात है तो उसके सबूत सामने रखे जाने चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को राजनीति में नहीं पड़ने की नसीहत दी और कहा कि कल हमारी सरकार थी, आज भाजपा की सरकार है और फिर हम आएंगे.
अखिलेश के आरोप पर उपमुख्यमंत्री ने दिया जवाब
अखिलेश के हमले पर उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के लोग हमेशा से भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं और आतंकियों और समाज में माहौल खराब करने वाले लोगों के साथ रहते हैं. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस मिलकर पीएफआई के लोगों की गिरफ्तारी के मामले में न सिर्फ शिकायत कर रहे हैं, बल्कि अपना राजनीतिक दांव भी खेल रहे हैं. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह तीनों राजनीतिक पार्टियां अपना वोट बैंक साधने के लिए लोगों को गुमराह कर रही हैं, जबकि इस कानून में इन लोगों के खिलाफ कुछ भी नहीं है.