योगी सरकार एक ओर जहां उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर हुई हिंसा को लेकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है तो वहीं सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया का कहना है कि पीएफआई को बैन करने का मामला जब अदालत में आएगा तब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
राज्य सरकार की हिंसा के खिलाफ पीएफआई पर शिकंजा कसने की तैयारियों के बीच सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के उपाध्यक्ष सरफुद्दीन अहमद ने कहा कि पीएफआई को बैन करने का मामला जब अदालत में आएगा तब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. यह उनका झूठा प्रचार है क्योंकि उनके पास ऐसा कोई विश्वासमंद सबूत नहीं है.
उन्होंने कहा कि जब अंग्रेज थे तब उन्होंने कांग्रेस पर बैन लगाया, जब कांग्रेस की सरकार आई तो आरएसएस पर तीन बार बैन लगाया गया. आज हम एक बड़ी फोर्स के तौर पर खड़े हो रहे हैं तो हमारे खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं.
पीएफआई पर बैन की कवायद
योगी सरकार पीएफआई पर बैन लगाने की कवायद में जुटी हुई है. उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का हाथ था और इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.
इससे पहले सीएए पर हुई हिंसा में शामिल होने के सबूतों के बाद डीजीपी मुख्यालय ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश गृह विभाग को भेज दिया है. गृह विभाग अब इस मामले को केंद्र के पास भेजेगा.