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यूपीः अखिलेश कैबिनेट का विस्‍तार आज, कार्यक्रम में नहीं शामिल होंगे शिवपाल यादव

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चार साल के अंदर सातवीं बार अपनी कैबिनेट का विस्तार करने जा रहे हैं. प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक सोमवार सुबह 11 बजे राजभवन में नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे. माना जा रहा है कि यह चुनाव के पहले का आखिरी कैबिनेट विस्तार होगा.

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अखिलेश यादव के लिए आसान नहीं होगा फेरबदल
अखिलेश यादव के लिए आसान नहीं होगा फेरबदल

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चार साल के अंदर सातवीं बार अपनी कैबिनेट का विस्तार करने जा रहे हैं. प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक सोमवार सुबह 11 बजे राजभवन में नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे. माना जा रहा है कि यह चुनाव के पहले का आखिरी कैबिनेट विस्तार होगा.

बलराम सिंह की होगी वापसी
नियमों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक साठ मंत्री हो सकते हैं. इस समय मंत्रिमंडल में 4 मंत्रियों के पद खाली हैं लेकिन हाल ही में मंत्रिमंडल से निकाले गए बलराम सिंह यादव की वापसी तय है. इसलिए 3 नए मंत्रियों को ही मौका मिल सकता है.

अंबिका चौधरी को भी मिल सकता है मौका
उम्मीद की जा रही है कि अजीत सिंह की राष्ट्रीय लोकदल पार्टी से एक मंत्री बनाया जाएगा. समाजवादी पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए अजीत सिंह की राष्ट्रीय लोक दल से हाथ मिलाया है. चुनाव में ज्यादा समय नहीं बचा है लेकिन मंत्री बनने के लिए नेता अपनी तरफ से पूरी ताकत लगा रहे हैं. कहा जा रहा है कि पहले मंत्री रह चुके नारद राय और अंबिका चौधरी को फिर से मौका मिल सकता है.

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मुस्लिम नेताओं के नाम भी आगे
विधानसभा ही नहीं बल्कि विधान परिषद के लोग भी मंत्री बनने की लाइन में हैं. चुनाव की सरगर्मी के बीच हो रहे इस मंत्रिमंडल विस्तार में अखिलेश यादव की कोशिश होगी कि जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा जाए. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों इन दिनों उत्तर प्रदेश में सवर्णों को रिझाने में लगी है. इसीलिए ब्राह्मण और क्षत्रिय जातियों से नेताओं को मौका मिलने की उम्मीद ज्यादा है. लखनऊ के सरोजी नगर विधानसभा क्षेत्र की विधायक शारदा शुक्ला का नाम मंत्री बनने के लिए चर्चा में है. विधान परिषद में मुस्लिम नेताओं को प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया था इसलिए माना जा रहा है की एक मंत्री मुस्लिम समुदाय से हो सकता है. शाकिर अली और गजाला लारी का नाम चर्चा में है.

अखिलेश ही लेंगे अंतिम फैसला
मंत्री बनने की संभावना को लेकर रविदास मेहरोत्रा, आनंद भदौरिया और सुनील यादव का नाम भी लिया जा रहा है. मंत्री सिर्फ तीन बनने हैं लेकिन तमाम नेता लाइन में है. इसीलिए अखिलेश यादव का काम आसान नहीं होगा. लेकिन मुख्तार अंसारी की पार्टी को जिस तरह से अखिलेश यादव ने बाहर का रास्ता दिखाया उसे यह बात साफ हो गई है की मंत्री बनाने में भी अखिलेश यादव की ही चलेगी. शनिवार को हुई समाजवादी पार्टी की बैठक में अखिलेश यादव यह बात साफ कर चुके हैं अगर उनके चेहरे को सामने कर के चुनाव लड़ा जा रहा है तो उन्हें फैसले लेने की आजादी भी होनी चाहिए.

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बदले जा सकते हैं मंत्रियों के विभाग
नए मंत्री बनाने के अलावा यह बात तो है कि मंत्रियों के विभाग में भी फेरबदल होंगे. कुछ मंत्रियों को ज्यादा जिम्मेदारी दी जाएगी तो कुछ के पर कतरे जाएंगे. अखिलेश यादव ने पिछली बार 31 अक्टूबर 2015 को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया था. उस समय पांच कैबिनेट मंत्री और 16 राज्य मंत्री बनाए गए थे.

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