उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी हुई तो ज्यादातर राजनीतिक जानकार हैरान थे. इसकी वजह भी थी. दरअसल योगी आदित्यनाथ सियासत में तो लंबी पारी खेल चुके थे लेकिन उनकी छवि ऐसे कट्टर हिंदू नेता की थी जिसका जनाधार एक क्षेत्रविशेष में ही सिमटा है. लेकिन सीएम बनने के बाद योगी ने अपनी इस छवि में बदलाव की कोशिश पहले दिन से ही कर दी. आज जब उनकी सरकार तकरीबन चार साल पूरे करने को है तब उनके ऐसे फैसलों की लंबी फेहरिश्त है जो मिडिल क्लास की नजर में उनकी छवि उसकी दिक्कतें समझने और उन्हें दूर करने वाले नेता की बनाते हैं.
नया किराएदारी कानून
योगी सरकार सूबे में नया किराएदारी कानून लेकर आ रही है. इस नए कानून के लागू होने के बाद न तो मकान मालिक मनमाने तरीके से किराया बढ़ा पाएंगे और न ही बिना किराया चुकाए किरायेदार किसी के मकान में रह सकेंगे. नए कानून से मकान मालिक और किरायेदार दोनों के हित सुरक्षित होंगे और उन्हें कानूनी संरक्षण मिलेगा. इस कानून के जरिए किरायेदार और मकान मालिकों के बीच के विवाद खत्म होंगे तो नोएडा-गाजियाबाद जैसे शहरों में किराया दिल्ली और एनसीआर के बाकी शहरों की तुलना में कम बढ़ेगा.
बिल्डरों पर नकेल, बायर्स को राहत
योगी ने जिस समय सत्ता संभाली उस समय खासकर नोएडा-गाजियाबाद-लखनऊ में तमाम फ्लैट बायर्स बिल्डरों द्वारा फ्लैट न देने या अपनी अन्य समस्याओं को लेकर सड़कों पर थे. योगी ने इसे लेकर सख्त रुख अपनाया. बिल्डरों को फ्लैट देने के लिए डेडलाइन तय की गई. प्राधिकरणों में अफसरों को कसा गया. नतीजा ये हुआ कि बायर्स को फ्लैट मिलने की रफ्तार में तेजी आई. कई रुके हुए प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ. अपने घर का सपना देख रहे मिडिल क्लास के लिए ये बड़ी राहत का फैसला था.
प्रवासी मजदूरों को यूपी में ही काम
कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन में देश के दूसरे राज्यों से सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश ही लौटे. इनमें ज्यादातर ऐसे मजदूर थे जो छोटे-छोटे काम के लिए मुंबई, दिल्ली, सूरत, अहमदाबाद जैसे शहरों में पलायन कर गए थे. योगी सरकार इन मजदूरों को सूबे में ही रोजगार दिलाने का ऐलान किया. रोजगार हेल्प डेस्क बनाई गई. प्रवासी मजदूरों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर डाटा तैयार किया गया और जिस काम के लिए जो मजदूर उपयुक्त थे उससे जोड़ने की कवायद की गई. इनके लिए प्रदेश में विभागवार रोजगार सृजन का लक्ष्य तय किया गया है.
चार लाख सरकारी नौकरी
उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी मिलना मध्य वर्ग के लिए बड़ी बात है. योगी सरकार ने चार साल में चार लाख सरकारी नौकरियां देने का दावा किया है. इसमें किस विभाग से कितनी नौकरी दी गईं, इसका सारा ब्योरा है. हाल के दिनों में देखा गया है कि सीएम योगी आदित्यनाथ नौकरी के चयन होने वाले अभ्यार्थियों को खुद नियुक्त पत्र देते और उनसे संवाद करते हैं. ये ऐसे कदम हैं जो सीधे उन्हें मिडिल क्लास से जोड़ते हैं.
योगी का धर्मांतरण कानून
योगी सरकार सूबे में जबरन होने वाले धर्मांतरण के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्मांतरण प्रतिषेध अध्यादेश-2020 कानून लेकर आई है. इस कानून को लेकर योगी सरकार की अलोचना भी हो रही है, लेकिन सच्चाई ये भी है कि भारतीय समाज में खासकर उत्तर भारत के राज्यों में दूसरे धर्म तो छोड़िए दूसरी जाति में शादी पर भी परिवार आसमान सिर पर उठा लेता है. आम प्रवृत्ति यही है कि कोई परिवार अपने बेटी का शादी के लिए धर्म परिवर्तन बर्दाश्त नहीं करता. ऐसे में दुरुपयोग की तमाम घटनाओं और आरोपों-आशंकाओं के बावजूद मिडिल क्लास योगी के इस कानून से गदगद है.
प्रॉपर्टी कार्ड भी एक बड़ा दांव
उत्तर प्रदेश की बड़ी आबादी ग्रामीण और छोटे शहरी इलाकों में रहती है, जहां जमीन-प्रॉपर्टी के स्वामित्व का लोगों के पास कोई प्रमाण नही होता. लोगों के पास मालिकाना हक का पुख्ता प्रमाण न होने से अक्सर विवाद और मुकदमेबाजी की स्थिति रहती है. ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार ने प्रापर्टी कार्ड दिए हैं, जिसका बड़ा फायदा यूपी को हुआ है. योगी सरकार ने सूबे में बड़ी तादाद में प्रापर्टी कार्ड बनवाने का काम किया है. जमीन मालिकों को संपत्ति कार्ड जिला स्तर पर कैंप लगाकर सौंपे गए हैं, जिससे गरीब और मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिली है और भू माफियों से राहत मिली है. इस कार्ड के जरिए बैंकों से लोन लेना भी आसान हुआ है.
यूपी में एक्सप्रेस-वे निर्माण
योगी सरकार ने गंगा एक्सप्रेस-वे बनाने का फैसला किया, जो मेरठ से प्रयागराज तक बनाया जा रहा है. ऐसे ही बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया गया है और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का काम भी तेजी से चल रहा है. इससे एक तरफ किसानों के जमीन का सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा मिला है और उन इलाकों में विकास की एक नई उम्मीद जागी है. इसके अलावा बुंदलेखंड विकास निगम बनाया गया है, जो सरकार का महत्वपूर्ण कदम है. इन योजनओं और फैसलों का सीधा लाभ मध्य वर्ग के लोगों को मिला है.
फिल्म सिटी का निर्माण
योगी सरकार उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी का निर्माण को लेकर काफी संजीदा है. सीएम का यह ड्रीम प्रोजेक्ट माना जा रहा है. यूपी में फिल्म सिटी के स्थापित होने से सूबे के काफी लोगों को रोजगार मिल सकेगा. मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में लाइट, स्पॉट, प्रॉडक्शन, आर्ट डिपार्टमेंट, कॉस्ट्यूम, जूनियर या वन डे आर्टिस्ट, इक्विपमेंट सप्लायर और सेटअप जैसे तमाम विभाग हैं, जहां 70 फीसदी लोग यूपी और बिहार के करते हैं. लॉकडाउन में ये लोग अपने घर लौटे हैं, जिनमें 5-7 फीसदी ही वापस मुंबई आए हैं. ऐसे में यूपी में बनने वाले फिल्मसिटी बनती है तो उन्हें आसानी से रोजगार यहीं पर मिल सकेगा और उन्हें अपने घरों से दूर नहीं जाना पड़ेगा.
कोरोना में फीस वृद्धि पर रोक
कोरोना संक्रमण के दौरान में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने निजी स्कूलों में फीस बढ़ोत्तरी पर रोक लगायी. योगी सरकार ने इसके लिए बाकायदा एक आदेश जारी कर कहा था कि किसी भी स्कूल ने फीस बढ़ाई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, सरकार ने सत्ता में आते ही प्राइवेट स्कूलों पर भी नकेल कसी थी. प्राइवेट स्कूल हर साल 5 फीसदी से ज्यादा फीस नहीं बढ़ाने का निर्देश दिया था. साथ ही फीस बढ़ोतरी के अनुपात में उन्हें अपने शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन भत्ता भी बढ़ाना होगा. सरकार ने सभी प्राइवेट स्कूलों के लिए अपने फीस स्ट्रक्चर को वेबसाइट पर डालना अनिवार्य कर रखा है और स्कूल अभिभावक को बाध्य नहीं कर सकते कि उन्हें कहां से किताब-कॉपी या ड्रेस खरीदें.