उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ताजमहल की तारीफ करते हुए कहा है कि इसका वास्तु पूरे विश्व में विख्यात है. हमें इसकी आलोचना करने की बजाए, इसे पर्यटन के नजरिए से देखना चाहिए. इसके साथ ही सीएम योगी ने 26 अक्टूबर, 2017 को ताजमहल परिसर में झाड़ू लगाने की बात कही है. योगी ने कहा कि जब वे चित्रकूट की सड़कों पर झाड़ू लगा सकते हैं, तो ताजमहल में क्यों नहीं, जहां झाड़ू लगाने से नौजवानो को रोजगार मिलेगा वहां वे झाड़ू क्यों नहीं लगाएंगे.
पर्यटन केंद्रों के विकास में कोई लापरवाही नहीं
योगी का कहना है कि भारत के आध्यात्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन केंद्रों के विकास में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए. योगी ने कहा, 'ताजमहल कब बनाया, किसने बनाया, किसने क्या पाप किया, कब किया या नहीं किया, आज के दिन यह हमारा विषय नहीं है. हम लोगों को यह व्यवस्था करनी चाहिए कि पर्यटन की संभावनाओं के लिहाज से यह जगह कहीं ना कहीं भारत की विरासत से जुड़ी है और इसमें ढेरों संभावनाएं है, उन संभावनाओं को भी देखना होगा.
ताजमहल के निर्माण में लगी भारतीयों की मेहनत
योगी ने कहा कि ताजमहल के निर्माण में भारतीय किसानों और मजदूरों का खून-पसीना लगा है, जिसका श्रेय हम दूसरों को क्यों दें. वहीं कटियार और संगीत सोम पर योगी ने टिप्पणी ने कहा कि ऐसे लोगों के पास कहने के लिए कुछ नहीं है. खंडन-मंडन करते रहने से कुछ नहीं मिलेगा. यूपी सरकार की योजना स्पष्ट है और इस दिशा में प्रगति भी हो रही है. हर कदम उत्तर प्रदेश के हित में उठाया जाएगा.
500 लोगों के साथ सीएम योगी लगाएंगे झाड़ू
26 अक्टूबर को सीएम योगी ताजमहल के पश्चिमी गेट पर पांच सौ लोगों के साथ झाड़ू लगाएंगे. इनमें पार्टी कार्यकर्ता, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता समेत जिले के गणमान्य लोग शामिल होंगे. इस दौरान वे शाहजहां और मुमताज महल की कब्र को भी देखेंगे.