उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर (पीके) राज्य में हाशिए पर खड़ी कांग्रेस को जिंदा करने के लिए कांग्रेसियों को तरह-तरह के फॉर्मूले बता रहे हैं, लेकिन कांग्रेस नेताओं को उनके फॉर्मूले हजम नहीं हो पा रहे हैं.
जिलाध्यक्षों ने फॉर्मूले पर खड़े किए सवाल
पीके ने यहां के नेताओं को हिदायत दी थी कि 30 मार्च तक प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 20 पूर्णकालिक कार्यकताओं का चुनाव कर लिया जाए, लेकिन उनका यह फॉर्मूला
परवान नहीं चढ़ पाया है. दूसरी तरफ जिलाध्यक्षों ने उल्टे इसको लेकर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं.
कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लगभग आधा दर्जन जिला व महानगर अध्यक्षों ने आशंका जताई कि प्रत्येक विधानसभा में ऐसे 20 कार्यकर्ताओं की खोज करना आसान नहीं है, जो चुनाव लड़ने की इच्छा न जताए और पार्टी को पूरा समय दे.
कांग्रेसी नेता प्रशांत किशोर से क्यों नाराज?
पार्टी के एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने बताया, प्रशांत किशोर का फॉर्मूला कांग्रेस के नेताओं को समझ में नहीं आ रहा है. प्रत्येक जिले में 80 से 100 कार्यकर्ताओं की तलाश
आसान नहीं है. सत्यापन के लिए जिलावार बैठकें करानी पड़ेंगी, जिसमें पीके से जुड़े लोग ही सीधे तौर पर शामिल रहेंगे.' उन्होंने बताया कि मुख्य संगठन से 20
कार्यकर्ताओं के नाम मांगे गए हैं. मोर्चो से भी दो दो नाम मांगे गए हैं. युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन की ओर से इस तरह के कार्यकर्ताओं की
मांग की गई है. अब प्रत्येक सीट पर 32 पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं की सूची तैयार करनी होगी, जो आसान नहीं है. इन पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव तक
पार्टी के लिए काम करना पड़ेगा.
टकराव की आशंका
नई टीम तैयार करने से पूर्व गठित बूथ व ब्लॉक कमेटियों से टकराव बढ़ने की आशंका के बीच एक विधायक ने बताया कि चुनाव के दौरान दोनों के बीच तालमेल बैठाना
आसान नहीं होगा. इसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ेगी. हालांकि कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व इस बात को स्वीकार नहीं कर रहा है कि टकराव जैसी कोई स्थिति है.
पीके ने मांगी कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं की लिस्ट
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने बताया कि प्रशांत किशोर ने 10 मार्च को हुई बैठक में कांग्रेस के जिलाध्यक्षों से पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं की सूची मांगी थी जो
संभवत: आ गई है. कार्यकर्ता पूरी लगन से जुटे हुए हैं.