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कोरोना वैक्सीन: UP सरकार के ग्लोबल टेंडर में 5 कंपनियों ने दिखाई दिलचस्पी, सीरम ने खड़े किए हाथ

वैक्सीनेशन को रफ्तार देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्लोबल टेंडर की ओर कदम बढ़ा दिए हैं. यूपी सरकार ने अभी कुल चार करोड़ वैक्सीन की डोज़ के लिए टेंडर निकाला है, जिसमें कई कंपनियों ने अपनी इच्छा जताई है. 

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प्रयागराज में वैक्सीनेशन सेंटर के बाहर लगी कतार (PTI)
प्रयागराज में वैक्सीनेशन सेंटर के बाहर लगी कतार (PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चार करोड़ वैक्सीन के लिए यूपी सरकार का ग्लोबल टेंडर
  • साउथ कोरिया की फर्म समेत कई कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई

कोरोना के खिलाफ जारी जंग में वैक्सीनेशन को रफ्तार देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्लोबल टेंडर की ओर कदम बढ़ा दिए हैं. यूपी सरकार ने अभी कुल चार करोड़ वैक्सीन की डोज़ के लिए टेंडर निकाला है, जिसमें कई कंपनियों ने अपनी इच्छा जताई है. 

यूपी सरकार के टेंडर की प्री-बिड चर्चा में कुल पांच कंपनियों ने हिस्सा लिया है. इसमें रूस की स्पुतनिक-वी, फाइज़र की पार्टनर डॉ. रेड्डी लैब्स, जाइडस कैडिला, साउथ कोरिया की एक कंपनी, भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट शामिल हैं. 

किस कंपनी ने क्या कहा?
फाइज़र के प्रतिनिधियों ने कहा है कि उन्हें अभी भारत में अनुमति नहीं मिली है, वहीं जाइडस की तरफ से बताया गया है कि उनका क्लीनिकल ट्रायल अभी चल रहा है और मंजूरी अगले महीने मिलने की उम्मीद है.

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हालांकि, प्री-बिड प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाली कोविशील्ड बनाने वाली सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि उनके पास देशभर से ढेरों ऑर्डर लंबित हैं, ऐसे में टेंडर में हिस्सा लेना मुश्किल है. आपको बता दें कि टेंडर भरने की आखिरी तारीख 21 मई है. 

बता दें कि यूपी सरकार पहले ही भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड के लिए 50-50 लाख डोज़ का ऑर्डर दे चुकी है. लेकिन चार करोड़ नई डोज़ का ऑर्डर इससे अलग जारी किया गया है.

अभी धीमी है प्रदेश में वैक्सीनेशन की रफ्तार
उत्तर प्रदेश में 18 से 24 साल के लोगों की जनसंख्या 9 करोड़ 28 लाख है और सरकार इस आयु वर्ग के लिए ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन की डोज़ खरीदना चाहती है. अभी यूपी में वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी धीमी है, प्रदेश में एक करोड़ डोज़ लगाए जा चुके हैं.

यूपी में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां पर शहरी इलाकों में तो वैक्सीन बड़ी मुश्किल से मिल रही है. कई अस्पतालों और सेंटर्स पर टीके की कमी है, ऐसे में शहरी इलाकों के रुख ग्रामीण इलाकों का रुख कर रहे हैं, क्योंकि वहां कुछ हदतक आसानी से स्लॉट मिल पा रहा है. 

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