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कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण पूरे देश के अस्पतालों में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है. ऑक्सीजन की किल्लत के चलते कई अस्पतालों में लोगों की सांसो की डोर टूटने की खबर मिल रही है. कई जगह तो लोग एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल में अपने परिजन की जान बचाने को लेकर इधर से उधर भाग रहे हैं. ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए कई अस्पताल हाथ खड़े कर रहे हैं जिसकी वजह से मरीज और उनके परिजन दर-दर भटकने को मजबूर हैं.
बोकारो स्टील प्लांट से राज्यों को मिल रही ऑक्सीजन
दूसरी ओर बोकारो स्टील प्लांट द्वारा लगातार ऑक्सीजन की खेप यूपी सहित कई राज्यो में भेजी जा रही है. बोकारो स्टील प्लांट रेलवे के सहयोग से कई राज्य को ऑक्सीजन देकर संजीवनी देने का काम कर रहा है. रेल और सेल के इस सार्थक सहयोग से रविवार को यूपी के लिए ऑक्सीजन का दूसरा खेप भेजा गया है. बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन के 4 टैंकरों में लगभग 50 मैट्रिक टन ऑक्सीजन लोड कर ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा रवाना किया गया है. इससे पहले दो दिन पूर्व भी 3 टैंकरों से 50 टन लिक्विड ऑक्सीजन भेजा गया था. इस दौरान मौके पर मौजूद रेलवे के एआरएम प्रभात प्रसाद ने कहा कि ये दूसरी खेप भेजी जा रही है, और तीसरी खेप कल भेजी जानी है. 4 टैंकरों में ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए 50 मैट्रिक टन ऑक्सीजन भेजी जा रही है.
बोकारो स्टील प्लांट में बनती 150 टन ऑक्सीजन
बता दें कि सेल का बोकारो स्टील प्लांट हर रोज आईओनेक्स की मदद से 150 टन ऑक्सीजन बनाता है. जब देश इस समय ऑक्सीजन संकट से जूझ रहा है, उस मुश्किल समय में बोकारो स्टील प्लांट की तरफ से लगातार राज्यों को ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है. आने वाले दिनों में बोकारो स्टील प्लांट की तरफ से ऑक्सीजन की अनेक खेप राज्यों को मिलने जा रही है. ऐसे में उम्मीद तो यहीं की जा रही है कि बहुत जल्द अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत खत्म होगी और मरीजों को बेहतर इलाज मिल पाएगा.
यूपी में बेकाबू कोरोना
अभी के लिए तो देश में कोरोना की स्थिति विस्फोटक बनी हुई है. हालात इतने चिंताजनक है कि पिछले चार दिनों से देश में लगातार 3 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं. वहीं मौत का आंकड़ा भी काफी ज्यादा बढ़ गया है. उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां भी कोरोना के रोज नए रिकॉर्ड कायम हो रहे हैं. मामलों में तो जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिल ही रही है, साथ ही साथ स्वास्थ्य सेवाएं भी चरमराती दिख रही हैं. सीएम योगी जरूर जोर देकर कह रहे हैं कि राज्य में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है. (रिपोर्ट- संजय कुमार)