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कफील की रिहाई के लिए कांग्रेस की मुहिम, क्या बदली राजनीति का संकेत है?

उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने डॉ. कफील खान की रिहाई का अभियान शुरू किया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर डॉ. कफील की रिहाई की गुहार लगाई है. कांग्रेस की इस मुहिम के पीछे माना जा रहा है कि मुस्लिम मतों को साधने की रणनीति है.

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डॉ.कफील की रिहाई के लिए कांग्रेस की मुहिम
डॉ.कफील की रिहाई के लिए कांग्रेस की मुहिम

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  • कफील की रिहाई के लिए कांग्रेस ने शुरू किया अभियान
  • प्रियंका ने कफील की रिहाई के लिए लिखी योगी को चिट्ठी

तीस साल पहले उत्तर प्रदेश में राम मंदिर आंदोलन के चलते मुस्लिम समुदाय कांग्रेस से दूर हुआ तो पार्टी भी सत्ता से दूर हो गई. इस दौरान कांग्रेस सूबे में सत्ता का वनवास झेलती रही तो मुस्लिम समुदाय भी कभी सपा तो कभी बसपा के संग जाकर ठगा महसूस करता रहा. अब जब अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने का काम शुरू हो रहा है तो कांग्रेस ने जेल में बंद गोरखपुर के डॉ. कफील खान की रिहाई के लिए अभियान शुरू किया है ताकि मुस्लिम समुदाय का दिल जीत सके.

कांग्रेस ने डॉ. कफील खान की रिहाई का अभियान शुरू किया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर डॉ. कफील की रिहाई की गुहार लगाई है. प्रियंका ने कहा कि 450 दिनों से ज्यादा वो जेल में गुजार चुके हैं. डॉ. कफील ने कठिन परिस्थियों में निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा की है. ऐसे में आप संवेदनशील होने का परिचय देते हुए डॉ. कफिल को न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे. इसी के साथ प्रियंका गांधी ने योगी आदित्यनाथ के उनके गुरु गोरखनाथ का मंत्र भी याद दिलाया.

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कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में वापसी के लिए मुस्लिम समुदाय को साधने की कवायद शुरू की है. इसके लिए कांग्रेस के उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक विभाग ने डॉ. कफील की रिहाई के लिए 15 दिन की मुहिम शुरू की है. कांग्रेस के कार्यकर्ता सूबे के मुस्लिम बहुल इलाकों में घर-घर जाकर मुसलमानों से हस्ताक्षर करा रहे हैं. इसके लिए प्रत्येक जिले से 10 हजार लोगों से हस्ताक्षर कराने का लक्ष्य रखा गया है. इसके बाद जिला अधिकारी से लेकर राज्यपाल को ज्ञापन के रूप में भेजकर कफील को रिहा करने की मांग करेंगे.

kafeel_073020033615.jpgकफील की रिहाई का अभियान

हस्ताक्षर अभियान के साथ-साथ कांग्रेस कार्यकर्ता डॉ. कफील की रिहाई के लिए छात्रों, नौजावनों, आलिमो, मौलानाओं, व्यवसायियों सज्जादा नशीनों से दो मिनट का वीडियो बनवाकर सोशल मीडिया में डाल रहे हैं. इस वीडियो के जरिए कफील को रिहा करने की मांग मुस्लिम समुदाय करेगा. कांग्रेस ने प्रदेश के हर जिले से कम से कम 100 वीडियो संदेश का टारगेट रखा है.

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कांग्रेस ने इसके बाद हर जिले के कम से कम पांच मदरसों में कफील की रिहाई की दुआ कराने का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा कांग्रेस अल्पसंख्यक कमेटी के लोग कस्बे, जिले और गांव के मजारों पर जाकर चादर चढ़ाएंगे और दुआ मांगने का काम करेंगे. इतना ही नहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की ओर से भी मजार पर चादर चढ़ाई जाएगी. चादर चढ़ाने का अभियान बकरीद के बाद 5 और 6 अगस्त को कांग्रेस नेता अपने जिले में चलाएंगे. इसके अलावा कांग्रेस के नेता अस्पतालों में जाकर रक्तदान करने का काम करेंगे.

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यूपी में मुस्लिम सियासत

बता दें कि उत्तर प्रदेश में करीब 20 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं. सूबे की 403 विधानसभा सीटों में से 143 सीटें मुस्लिम प्रभावित मानी जाती हैं. इनमें से 70 सीटों पर मुस्लिम आबादी बीस से तीस फीसदी के बीच है जबकि 73 सीटें ऐसी हैं जहां मुसलमान तीस फीसदी से ज्यादा हैं. सपा जब 2012 के सत्ता में आई थी तो उसे मुस्लिम बहुल 72 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं, 2017 में मुस्लिम बहुल सीटों पर बीजेपी कमल खिलाने में कामयाब रही थी.

कांग्रेस की नजर अपने पुराने वोटबैंक पर

कांग्रेस की नजर इन्हीं मुस्लिम समुदाय के वोटों पर है, जिनके दम पर वो सूबे की सत्ता पर करीब चार दशक से ज्यादा राज किया है. अब कांग्रेस ने अपने परंपरागत वोटर को दोबारा से जोड़ने की कवायद शुरू की है. इसी कड़ी में वो मुस्लिम से लेकर दलित और ब्राह्मणों के बीच भी अपनी पैठ जमाने में जुटी है. सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों की हुई मौत और गिरफ्तारियों के खिलाफ कांग्रेस सबसे मुखर नजर आई थी. प्रियंका गांधी ने प्रदर्शनकारियों के घर जाकर मुलाकात की और उन्हें कानूनी मदद भी उपलब्ध कराने का काम किया.

सूबे में दलित के उत्पीड़न को लेकर भी कांग्रेस मुखर है. प्रियंका गांधी से लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू दलित उत्पीड़न को लेकर लगातार आवाज उठा रहे हैं. सोनभद्र में आदिवासी समुदाय के मामले को सबसे ज्यादा प्रियंका गांधी ने उठाया था और गांव तक पहुंचकर लोगों से मुलाकात की थी. इसके अलावा हाल ही में विकास दुबे की एनकाउंटर के बाद भी प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर सवाल खड़े किए थे. इस तरह से मुस्लिम ही नहीं बल्कि दलित और ब्राह्मण को साधने की रणनीति पर कांग्रेस काम कर रही है, क्योंकि एक दौर में इन्हीं तीनों वोटबैंक के सहारे कांग्रेस ने यूपी में एकछत्र राज किया.

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