यूपी में अनपरा बिजली घर की 500 मेगावाट की एक और यूनिट से उत्पादन ठप हो जाने से राज्य में बिजली का संकट गहरा गया है. बारिश न होने से उमस भरी गर्मी के चलते जहां बिजली की मांग कम नहीं हो रही है वहीं बिजली की उपलब्धता और घट जाने से गांव से लेकर महानगरों तक बिजली आपूर्ति में अधाधुंध कटौती की जा रही है. वीवीआइपी क्षेत्रों को भी बिजली कटौती से मुक्त नहीं रखा जा रहा है.
दरअसल, कोयले की कमी, गीला कोयला और तकनीकी गड़बड़ियों के चलते केंद्र व राज्य के बिजली घरों की कई यूनिटों से पहले से ही राज्य को लगभग डेढ़-दो हजार मेगावाट कम बिजली उपलब्ध हो रही है.
रविवार सुबह 10 बजे के लगभग राज्य के अनपरा तापीय बिजली घर की 500 मेगावाट की चौथी यूनिट का जेनरेटर ट्रांसफॉर्मर (जीटी) जल गया जिससे उससे भी बिजली मिलना बंद हो गई. ऐसे में राज्य का तापीय बिजली उत्पादन घटकर मात्र 1600 मेगावाट रह गया जबकि सामान्य तौर पर यह ढाई-तीन हजार मेगावाट के आसपास रहता है.
गौरतलब है कि अनपरा की 500 मेगावाट की पांचवी यूनिट भी जीटी जलने से नौ जुलाई से बंद चल रही है. गर्मी के चलते बिजली की मांग 13 हजार मेगावाट तक पहुंच रही है जबकि उपलब्धता लगभग 10 हजार मेगावाट ही रह गई है. ऐसे में ग्रिड पर आने वाले किसी भी संभावित संकट को टालने के लिए अवकाश के बावजूद शक्तिभवन स्थित कंट्रोल रूम में सीएमडी से लेकर अन्य अधिकारी जुटे. बिजली की घटी हुई उपलब्धता को देखते हुए गांव से लेकर बड़े शहरों तक की आपूर्ति में अधाधुंध आपात कटौती शुरू कर दी गई.
फिलहाल गाजियाबाद, नोएडा, कानपुर, आगरा, बरेली, वाराणसी, आजमगढ़ सहित उन वीवीआइपी क्षेत्रों को भी दो-चार घंटे कम बिजली आपूर्ति की जा रही है जहां 22-24 घंटे बिजली आपूर्ति होती रही है. गांवों को भी रात में एक-दो घंटे ही बिजली दी जा रही है.