उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में एक किसान ने अपने ही खेत में फांसी लगाकर जान दे दी. ललितपुर जिले के देवरान गांव का किसान गोविंद दास सहरिया ने सूखे से बर्बाद हुई फसल और कर्ज की वजह से फांसी लगा ली.
मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. गोविंद के पास डेढ़ एकड़ खेत था. पिछले तीन-चार सालों से कभी ओलावृष्टि, कभी सूखा पड़ने से फसल बर्बाद हो रही थी और गोविंद पर साहूकारों का कर्जा बढ़ता जा रहा था. इस बार सूखे की वजह से गोविंद की लागत के मुताबिक गेहूं की फसल नहीं हो पाई थी.
डेढ़ लाख का कर्जा था गोविंद पर
गोविन्द दास ने अपने खेत पर लगे आम के पेड़ से फांसी लगाकर जान दे दी. परिजनों और ग्रामीणों के अनुसार मृतक गोविन्द दास के ऊपर करीब डेढ़ लाख रुपये का कर्जा हो गया था जो लगातार बढ़ता ही जा रहा था. इस बार सूखे के हालात को देखते हुए मृतक किसान ने अपने खेत पर ही दो कुएं खुदवाए, लेकिन वो भी सूख गए थे .
मनरेगा में मजदूरी भी करता था गोविंद दास
गोविंद दास खेती के साथ साथ मनरेगा में भी मजदूरी कर अपने परिजनों का पेट भरने की कोशिश कर रहा था. लगातार साहूकारों के पैसा मांगने की वजह से गोविंद दास काफी परेशान था जिसके बाद बर्बाद फसल और कम पैदावार देख हताश किसान ने आम के पेड़ से फांसी लगाकर जान दे दी.
25 दिनों में 6 किसानों ने दी जान
सूखे की वजह से बर्वाद फसलें और कर्ज के चलते बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में पिछले 25 दिनों में 6 किसानों ने आत्महत्या कर ली है. गोविन्द दास सहरिया आत्महत्या की घटना पर ललितपुर जिलाधिकारी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे कदम उठाने की बात कही है.