कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चौपाल लगाकर किसानों को कृषि कानूनों के फायदे गिनाने का अभियान शुरू कर दिया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज बरेली में किसानों को संबोधित करते हुए विपक्ष पर गुमराह करने का आरोप लगाया.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज किसानों को कृषि कानूनों के फायदे बताने के साथ ही 111 परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिसकी लागत 972 करोड़ रुपये बताई जा रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ ही केंद्रीय मंत्री संतोष कुमार गंगवार भी किसानों को कृषि कानूनों के फायदे के बारे में बताएं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम अपने किसानों के लिए यहां हैं, 6 साल में देश की तस्वीर बदल गई है, दुनिया भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रहा है. हमारे किसानों ने कोरोना समय के दौरान काम किया, देश के अमीर और गरीबों को खिलाने के लिए किसान अपनी जमीन में सोना काट रहे थे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने वही किया है जो उन्होंने कहा था, जब भारत बढ़ रहा है, लोग ईर्ष्या करते हैं. ये लोग बार-बार झूठ दोहरा रहे हैं. झूठ का कम्युनिज्म सिद्धांत यहां सफल नहीं होगा. पीएम मोदी ने किसान को बीज, उर्वरक और कृषि लाभ के लिए श्रृंखला विकसित करने के लिए कहा है और हम इसे कर रहे हैं.
कृषि कानूनों के फायदे बताते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों के लिए 36000 करोड़ रुपये का ऋण, एमएसपी, गन्ना सब्सिडी और अन्य सभी लाभ हैं. विपक्ष ने किसान के साथ लूटपाट की है और उनके बारे में कभी नहीं सोचेगा. प्रदर्शनकारी पहले एमएसपी की मांग कर रहे थे, सरकार पहले ही कह चुकी है कि हम इसे कर रहे हैं.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विपक्ष अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को बर्दाश्त नहीं कर सकता और पीएम नरेंद्र मोदी ने काम शुरू कर दिया है. विपक्षी हमेशा अयोध्या जाने से डरते रहे हैं. लोग राम मंदिर के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे थे, सुप्रीम कोर्ट ने रास्ता साफ किया और विपक्ष मोदी सरकार से खुश नहीं है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नया कानून किसी को भी किसान की जमीन लेने की अनुमति नहीं देगा. मंडी जारी रहेगी, मंडी के बाहर फसल बेचने के लिए किसान को कोई टैक्स नहीं देना होगा. विपक्ष किसानों के लाभ को पचा नहीं पा रहा है, वे चाहते हैं कि किसान कर्ज नहीं उतार पाए. यूपी में 40 लाख मैट्रिक टन गेहूं और 36 लाख मैट्रिक टन धान की खरीद की गई है.