उत्तर प्रदेश सरकार अब राज्य में 6 और नए एक्सप्रेस-वे बनाने जा रही है जिस का निर्देश दिया गया है. जिसके बाद यूपी सर्वाधिक एक्सप्रेस-वे वाला देश का पहला प्रदेश हो जाएगा. प्रदेश में कुल 19 एक्सप्रेस-वे हो जाएंगे. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट बैठक में आदेश दिया था कि दूरदराज के इलाकों को जोड़ने के लिए एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाना है. जिसमें दूसरे चरण में मेरठ से हरिद्वार व प्रयागराज से बनारस तक की ग्रीन एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा.
सीएम योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट बैठक में मिनिस्टर नंद गोपाल नंदी ने यह प्रपोजल सीएम के समाने रखा था, इसका प्रेजेंटेशन भी दिया गया. जिसके बाद जो नए प्रस्तावित एक्सप्रेस वे है उसमें प्रयागराज से बनारस एक्सप्रेस वे में 110 किलोमीटर, मेरठ से हरिद्वार एक्सप्रेस वे 110 किलोमीटर, गंगा एक्सप्रेस वे से शाहजहांपुर बरेली होते हुए रामपुर, रूद्रपुर, उत्तराखंड, चित्रकूट से प्रयागराज एक्सप्रेस वे झांसी से लिंक, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे विंध एक्सप्रेस चित्रकूट से मिर्जापुर तक होगा.
उत्तर प्रदेश में हाल ही में 'बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे' का उद्घाटन किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जुलाई को इसका लोकार्पण किया. रिकॉर्ड समय और अनुमानित लागत से कम खर्च में बने इस एक्सप्रेस-वे से न सिर्फ बुंदेलखंड के लोगों को देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंचने में सहूलियत होगी, बल्कि औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी.
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे बन जाने से चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर और जालौन के लोगों के लिए दिल्ली का सफर आसान हो गया है. इस एक्सप्रेस-वे पर 250 से ज्यादा छोटे पुल, 15 से ज्यादा फ्लाईओवर, 6 टोल प्लाजा और 12 से ज्यादा बड़े पुल और 4 रेल पुल बनाए गए हैं. 24 घंटे पुलिस पेट्रोलिंग और एंबुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी.
बता दें कि अभी तक चित्रकूट से दिल्ली पहुंचने में लगभग 700 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी. इसमें करीब 12 से 14 घंटे का समय लगता था. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे बन जाने के बाद ये दूरी सिर्फ 630 किलोमीटर ही रह जाएगी और समय भी बचेगा. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की लंबाई 296 किलोमीटर है. चार लेन चौड़े बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ अतिरिक्त जमीन भी है जिससे भविष्य में अगर गाड़ियों की आवाजाही बढ़े तो इसको चौड़ा कर 6 लेन तक बढ़ाया जा सके.