एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सत्ता के लिए संतों की शरण में है. नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए आरएसएस और विहिप ने संतों का सहारा लिया है. इस कड़ी में 20 फरवरी से वाराणसी के गहमर से संतों की यात्रा शुरू हो गई.
यह यात्रा काशी प्रांत के 14 लोकसभा क्षेत्रों का भ्रमण कर 11 मार्च को शाम काशी महानगर में प्रवेश करेगी. यात्रा की सफलता शत-प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिए विहिप ने संतों से संपर्क साधा है. नरेंद्र मोदी (नमो) के लिए जनमत जुटाने में जुटी विहिप संतों की जन जागरण यात्रा शुरू कर रही है. इस यात्रा में संतों की सक्रिय भागीदारी होगी.
संतों की इस यात्रा की रणनीति गत दिनों माघी पूर्णिमा के अवसर पर प्रयाग के पावन तट पर बनी थी. इसके लिए विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल ने संतों का संदेश कार्यकर्ताओं तक पहुंचाया. विहिप नेता गौरव प्रकाश ने बताया कि संतों की यह यात्र प्रत्येक ब्लॉक में घूमेगी और नमो के पक्ष में हिंदू मतों का बंटवारा रोकने के लिए माहौल बनाएगी.
11 मार्च को यात्रा के काशी महानगर में पहुंचने पर अस्सी घाट पर शाम को हिंदुओं की सभा होगी, जिसे संत संबोधित करेंगे.