गोरखपुर स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 60 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में डॉक्टर कफील खान की आफत फिर बढ़ सकती है. प्रमुख सचिव रजनीश दुबे ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि डॉक्टर कफील द्वारा जांच आख्या में गलत खबर प्रसारित करने और सरकारी सेवा में रहते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस करने सहित 4 आरोप में दो आरोप पूर्ण रुप से सही पाए गए हैं.
प्रमुख सचिन ने कहा कि अभी किसी भी विभागीय कार्रवाई में अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. डॉ कफील गलत तरीके से अपनी क्लीनचिट प्रसारित करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 7 आरोप डॉ कफील पर हैं, जिस पर जांच चल रही है.
प्रमुख सचिव ने कहा कि 2 आरोप जिनमें कफील खुद को निर्दोष होने का प्रचार कर रहे, वे गलत हैं. सरकारी सेवा में रहते हुए डॉक्टर कफील निजी प्रैक्टिस कर रहे थे. अभी उन्हें किसी भी मामले में क्लीनचिट नहीं दी गई है.
निलंबन के दौरान बहराइच अस्पताल में कफील की ओर से जबरन इलाज करने का प्रयास किया गया, जिस पर केस दर्ज है. प्रमुख सचिव रजनीश दुबे ने कहा कि सरकारी सेवा में रहते हुए सरकार विरोधी पोस्ट करने पर भी उन पर केस दर्ज हुआ है. उन पर भ्रष्टाचार और नियमों के घोर उल्लंघन का मामला है.
एक बार फिर से आरोप लगाए जा रहे की डॉक्टर कफ़ील को सिर्फ़ 2 मामले में क्लीन चिट मिली है -इसको उत्तर दे रहा हूँ
A controversy has been created our the recent enquiry report- plz watch how they are haunting me again🙏@PTI_News @narendramodi @myogiadityanath @INCIndia @IMAIndiaOrg pic.twitter.com/0AclfXNePh
— Dr kafeel khan (@drkafeelkhan) September 29, 2019
क्या कहा था डॉक्टर कफील ने ?
बीते दिनों कफील खान ने कहा था कि दो साल बाद क्लीन चिट मिलने से मैं खुश हूं और राहत महसूस कर रहा हूं. उठापटक भरे दो साल बाद पूरे परिवार को थोड़ी राहत मिली है. इस घटना से न केवल मुझे, बल्कि पूरे परिवार को नुकसान हुआ. फिलहाल, सभी लोग तनावमुक्त और खुश हैं.
सीएम को जवाब देना चाहिए था
कफील खान ने कहा था कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा, '11 या 12 अगस्त को जब मौत हुई थी, हर कोई कफील खान के बारे में बात कर रहा था. वे यह भी पूछ रहे थे कि उन 60 बच्चों की मौत कैसे हुई. वे यह भी पूछ रहे थे कि पैसे किसने नहीं दिए.