उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार के आने के बाद से एक के बाद एक शहर और रेलवे स्टेशनों के नाम बदले जा रहे हैं. इन शहरों के नाम पर बदलकर जनसंघ और बीजेपी नेताओं के नाम पर रखे जा रहे हैं. योगी सरकार ने पिछले साल मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर कर दिया था. इसी कड़ी में यूपी कैबिनेट ने शुक्रवार को मुगलसराय तहसील का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय तहसील करने के फैसले को मंजूरी दी है.
2017 में यूपी की सत्ता में आने के बाद से ही योगी सरकार ने नाम बदलने का सिलसिला जारी रखा है. सबसे पहले मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर जनसंघ के संस्थापक सदस्य दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखा गया था. इसके बाद इलाहाबाद का नाम बदल प्रयागराज रखा. इसके अलावा फैजाबाद जिले का का नाम बदलकर अयोध्या रखा गया है.
दिलचस्प बात ये है कि केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले एक साल में कम से कम 25 नगरों और गांव के नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके अलावा अभी सरकार के पास कई शहरों के नाम बदले जाने का प्रस्ताव लंबित पड़ा हुआ है.
पश्चिम बंगाल का नाम बदलने की बात ममता बनर्जी कह चुकी हैं. उन्होंने पश्चिम बंगाल का नाम 'बांग्ला' करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है, जिसे गृह मंत्रालय से हरी झंडी नहीं मिली. हालांकि देश के कई बड़े शहरों के नाम बदले गए हैं, जिनमें उड़ीशा का नाम बदलकर ओडिशा किया गया. मद्रास का नाम बदलकर चेन्नई रखा गया. इतना ही नहीं कोलकत्ता का नाम बदलकर कोलकाता रखा. बंबई पहले ही मुंबई हो चुका है.