देश के संविधान में सूचना का अधिकार है, लेकिन अगर किसी को सूचना न मिले तो क्या वो जान देने के बारे में सोच सकता है. दरअसल हरदोई में एक आरटीआई एक्टिविस्ट सूचना नहीं मिलने पर पानी की टंकी पर चढ़ गया. इसके बाद घंटों ड्रामा हुआ. शख्स जान देने की धमकी दे रहा है. नीचे खड़े लोग उससे नीचे उतरने की गुहार लगा रहे थे. नीचे पुलिस के साथ स्थानीय विधायक भी खड़े थे, लेकिन ये शख्स कहता है कि जब बात न सुनी जाए तो मर जाना ही ठीक है.
दरअसल, पूरा मामला उत्तर प्रदेश के हरदोई के रहुला गांव का है. आरटीआई कार्यकर्ता देशराज ने आरटीआई के जरिए उसने एक सूचना मांगी थी, लेकिन कई दिनों तक उसका साथ टालमटोल होता रहा. उसे गोलमोल जवाब दिया जाता रहा. वो 1 करोड़ 90 लाख के घोटाले की बात करता है, लेकिन जब जवाब नहीं मिला तो आत्महत्या करने के लिए टंकी पर चढ़ गया.
देशराज का आरोप है कि आरटीआई की सूचना के बदले में उससे 36 हजार रुपए भी मांगे गए. मैं 6 महीने से मामले की जांच कर रहा हूं. कोई काम नहीं हुआ. जिलाधिकारी कह रहे हैं कि काम हो जाएगा, लेकिन अभी तक कोई काम नहीं हुआ. न तो मुझे जानकारी दी जा रही है. इससे अच्छा है कि मैं मर जाऊं.
आख़िरकार प्रशासन के सामने वो हार गया और जान देने की ठान ली. काफी देर तक चले इस हाईवोल्टेज ड्रामा के बाद पुलिस और स्थानीय बीजेपी विधायक के आश्वासन देने के बाद देशराज को उतारा गया. अब इस पूरे मामले की जांच की जा रही है.