उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि किसी भी कर्मचारी को उसकी समलैंगकिता के कारण नौकरी से हटाना गलत है. अदालत का कहना है कि ये किसी भी व्यक्ति की निजता के आधार का मामला है.
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में तैनात एक होमगार्ड को उसकी सेवा से हटा दिया गया था, क्योंकि वह समलैंगिक था. लेकिन अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये फैसला रद्द कर दिया है, साथ ही होमगार्ड को वापस उसके पद पर जगह देनी की बात कही है.
आपको बता दें कि साल 2019 में होमगार्ड का एक अपने समलैंगिक साथी के साथ वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद जून, 2019 में जिला कमांडेंट होमगार्ड ने उसे नौकरी से निकाल दिया था.
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि होमगार्ड को हटाने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट द्वारा नवतेज सिंह जौहर मामले के निर्देशों से पूरी तरह विपरीत है, ऐसे में उसे नौकरी पर बहाल किया जाए.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि किसी भी व्यक्ति को अपने साथी को चुनने का हक है, अगर उसकी पसंद को कोई नहीं मानता है तो ये उसकी निजता के क्षेत्र में हनन माना जाएगा.