scorecardresearch
 

विपक्षी वोट बंटे नहीं, इसलिए कांग्रेस कैराना में नहीं उतारेगी उम्मीदवार

इससे पहले राज्य में गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारे थे, जबकि बहुजन समाज पार्टी ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को अपना समर्थन दिया था. दोनों सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार को मात्र कुछ हजार वोट मिले थे.

Advertisement
X
कांग्रेस
कांग्रेस

Advertisement

उत्तर प्रदेश के कैराना सीट पर लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है. पार्टी ने बीजेपी को हराने और विपक्षी मतों के बिखराव को रोकने के लिए उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है. राज्य में होने वाले उपचुनाव के लिए 28 मई को वोट डाले जाएंगे.

बता दें कि यूपी में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष ने संयुक्त रूप से उम्मीदवार उतारा है. कैराना लोकसभा उपचुनाव में राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) की प्रत्याशी तबस्सुम हसन को समाजवादी पार्टी ने समर्थन देना तय किया है, तो अखिलेश यादव ने नूरपुर विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव में नईमुल हसन को पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया है.

गौरतलब है कि रालोद के टिकट पर सपा की मदद से कैराना लोकसभा उपचुनाव लड़ने जा रहीं तबस्सुम बेगम 6 मई को सपा से ही रालोद में शामिल हो गयीं थी.

Advertisement

2014 के लोकसभा चुनाव में कैराना सीट पर हुकुम सिंह को पांच लाख 65 हजार वोट मिले थे, जबकि उनके प्रतिद्वन्दी सपा के नाहिद हसन को तीन लाख तीस हजार वोट मिले थे. नूरपुर विधानसभा सीट पर 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लोकेंद्र सिंह को 79 हजार वोट प्राप्त हुये थे, जबकि सपा के नईमुल हसन को 66 हजार 436 वोट मिले थे.

कैराना लोकसभा सीट बीजेपी सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद और नूरपुर विधानसभा सीट लोकेंद्र सिंह के निधन के बाद खाली हुई थी.

कैराना और नूरपूर में होने वाले दोनों उपचुनाव के नतीजे सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष के लिये काफी महत्वपूर्ण होंगे. रालोद के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच चार मई की बैठक के बाद आपसी सहमति बनी कि आने वाले उपचुनाव में दोनों पार्टियां संयुक्त रूप से उप चुनाव के मैदान में उतरें.

कैराना और नूरपूर सीटों पर 28 मई को उप चुनाव होना है और 31 मई को मतगणना होगी. नामांकन प्रक्रिया आरंभ हो गयी है.

इससे पहले राज्य में गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारे थे, जबकि बहुजन समाज पार्टी ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को अपना समर्थन दिया था. दोनों सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार को मात्र कुछ हजार वोट मिले थे.

Advertisement

दूसरी ओर बसपा कैराना लोकसभा सीट पर पहले की तरह ही उपचुनाव में उम्मीदवार न उतारने के अपने सिद्धांत पर कायम है. और अब कांग्रेस के प्रत्याशी न उतारने के फैसले के बाद बीजेपी के खिलाफ एकजुट विपक्षी मोर्चा बनता दिख रहा है.

गोरखपुर और फूलपुर की लोकसभा सीट क्रमशः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी. इसके बाद इन दोनों सीटों पर उपचुनाव कराए गए थे.

Advertisement
Advertisement