उत्तरप्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर उपचुनाव से पहले राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) को बड़ा झटका लगा है. आरएलडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी साहब सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया है. उन्होंने शुक्रवार को बीजेपी की सदस्यता ली.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष @DrMNPandeyMP ने प्रदेश मुख्यालय पर रालोद के पूर्व विधायक चौधरी साहब सिंह व कई अन्य नेताओं को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई। pic.twitter.com/j02tza2nyh
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) May 18, 2018
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्रनाथ की मौजूदगी में चौधरी साहब सिंह ने सदस्यता ली. साहब सिंह के साथ बीएसपी नेता चरण सिंह जाटव, बीएसपी के पूर्व जिलाध्यक्ष रजनीकांत जाटव ने भी बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है.
बता दें कि कैराना में 28 मई को मतदान और 31 मई को मतगणना होगी. कैराना लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए बीजेपी ने मृगांका सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है. जबकि नूरपुर विधानसभा से अवनी सिंह के नाम का ऐलान किया गया है. गौरतलब है कि मृगांका सिंह बीजेपी के पूर्व सांसद हुकुम सिंह की बेटी हैं. जबकि आरएलडी ने कैराना से तबस्सुम और सपा ने नूरपुर से नइमुल हसन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है.
कैराना लोकसभा सीट पर 17 लाख मतदाता हैं जिनमें पांच लाख मुस्लिम, चार लाख बैकवर्ड (जाट, गुर्जर, सैनी, कश्यप, प्रजापति और अन्य शामिल) और डेढ़ लाख वोट जाटव दलित है और 1 लाख के करीब गैरजाटव दलित मतदाता हैं. कैराना सीट गुर्जर बहुल मानी जाती है. यहां तीन लाख गुर्जर मतदाता हैं इनमें हिंदू-मुस्लिम दोनों गुर्जर शामिल हैं. इसीलिए इस सीट पर गुर्जर समुदाय के उम्मीदवारों ने ज्यादातर बार जीत दर्ज की हैं.
वोटों का समीकरण
बीजेपी को 5 लाख 65 हजार 909 वोट मिले थे. जबकि सपा को 3 लाख 29 हजार 81 वोट और बसपा को 1 लाख 60 हजार 414 वोट. ऐसे में अगर सपा-बसपा के वोट जोड़ लिए जाएं तो भी बीजेपी आगे है. लेकिन 2014 और 2018 की कहानी अलग है. 2017 में अगर सपा-बसपा को मिले वोट देखे जाएं और उसके हिसाब से उपचुनाव का अंदाजा लगाया जाए तो सपा-बसपा की दोस्ती, बीजेपी पर भारी पड़ सकती है.