कोरोना की दूसरी लहर ढलान पर है. इस बीच उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने वालों की संख्या दोगुनी हो गई है, जिसके चलते पहले की तुलना में दोगुने मृत्यु प्रमाण पत्र अब कोरोना संक्रमण के बीच बनाए जा रहे हैं. इस वजह से ऑनलाइन फीडिंग में समय लग रहा है और प्रमाण पत्र जारी करने में लोगों को देरी हो रही है.
जानकारी के मुताबिक लखनऊ में नगर निगम के द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र लोगों को दिया जाता है. इस दौरान लखनऊ के तकरीबन आठ जोनों में मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार किया जाता है. हालांकि आमतौर पर मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार करने में 48 घंटे का समय लगता है, लेकिन इस बार एक हफ्ते का समय भी लग जा रहा है.
हालांकि केजीएमसी सिविल और लोहिया सहित अन्य बड़े अस्पताल अपने यहां पर डेथ सर्टिफिकेट तैयार करवाते हैं लेकिन इस बार यहां भी काफी समस्या हो रही है. केजीएमसी के प्रवक्ता सुधीर कुमार के मुताबिक, डेथ सर्टिफिकेट हमारे यहां दिया जाता, जिसमें मेडिकल डिटेल होता है, इसके लिए 10 दिन का समय कम से कम लगता है.
वहीं, अपर नगर आयुक्त अमित कुमार ने कहा कि पहले की तुलना में अब डेथ सर्टिफिकेट ज्यादा बनवाये जा रहे हैं, इसकी वजह से डाटा इंट्री में परेशानी आ रही है और लोगो को काफी समय लग रहा है, पहले एक महीने में करीब 2 हजार मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जाते थे, जिनकी संख्या अब बढ़कर 4 हजार हो गई है.
अपर नगर आयुक्त अमित कुमार ने कहा कि हमारे पास कोविड और नॉन कोविड दोनों तरीके के लोग आते हैं, इसलिए आकड़े बढ़ ही जाते हैं, जिनके लिए लगातार काम हो रहा है और लोगो को सहूलियत दी जा रही है. मई महीने में 20 तारीख तक 4 हजार 500 केस डेथ सार्टिफिकेट के आवेदन आ चुके हैं, जिनका प्रमाण पत्र जारी करने की कवायद जारी है.