डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) की टीम ने नेपाल के सीमावर्ती जिले महाराजगंज से आलू बताकर करोड़ों की प्याज नेपाल भेजने के मामले में एक व्यापारी को गिरफ्तार किया है. नेपाल भेजी गई प्याज की अनुमानित कीमत दो करोड़ रुपये बताई जा रही है.
यह गिरफ्तारी महाराजगंज के नौतनवा से हुई है. गिरफ्तार व्यापारी का नाम सनी मद्धेशिया बताया जाता है. आरोप है कि सनी ने आलू बताकर 36 सौ कुंतल प्याज नेपाल भेजी. आरोपी व्यापारी को सनी मद्धेशिया को DRI की टीम ने लखनऊ जेल भेज दिया है. गौरतलब है कि इस वक्त देश में प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं. प्याज की बढ़ी कीमतों के कारण तस्कर भी सक्रिय हो गए हैं.
रेवेन्यू इंटेलिजेंस के अधिकारियों को गोपनीय सूचना मिली कि भारत से नेपाल में प्याज की तस्करी की जा रही है. इसके लिए डीआरआई के अधिकारियों ने नौतनवा सहित नेपाल में भी जांच कमेटी गठित कर जब जांच कराई तो आलू के नाम पर नेपाल में प्याज भेजने की बात सामने आई. जांच के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर शुक्रवार की सुबह डीआरआई की टीम ने महराजगंज के नौतनवां से प्याज तस्करी के आरोपी सन्नी कुमार मद्धेशिया को पकड़ लिया.
प्याज के निर्यात पर है रोक
बढ़ती कीमतों के कारण प्याज के निर्यात पर पूरी तरह रोक लगी है. सरकार के कदम को धता बताते हुए व्यापारी भी मोटा मुनाफा कमाने के प्रयास में अलग रास्ते अख्तियार कर रहे. सनी मद्धेशिया भी आलू के कागजात बनवाता रहा और इसके नाम पर पड़ोसी देश को प्याज भेजता रहा. डीआरआई अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार सनी ने पूछताछ में कुछ और तस्करों के नाम बताए हैं. अब उन आरोपियों को भी गिरफ्तार करने के लिए डीआरआई टीम दबिश दे रही है.
संदेह के घेरे में कस्टम की कार्य प्रणाली भी
नौतनवा के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर सोनौली से प्याज की तस्करी के खुलासे ने कस्टम विभाग की कार्यप्रणाली को भी संदेह के घेरे में ला दिया है. अंतरराष्ट्रीय सीमा से प्रतिबंध के बावजूद प्याज भेजी जाती रही और कस्टम के अधिकारियों को भनक तक न लगी, यह बात सवालों के घेरे में है. अंदेशा यह भी जताया जा रहा है कि क्या यह लापरवाही है या फिर बड़ा खेल.
(महाराजगंज से अमितेश के इनपुट के साथ)