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स्मारक घोटाला: विजिलेंस ने की नसीमुद्दीन सिद्दीकी से पूछताछ, बाबू सिंह कुशवाहा का भी दर्ज होगा बयान

बसपा सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए स्मारक घोटाले की जांच कर रही विजिलेंस एक बार फिर सक्रिय हुई है. विजिलेंस ने बसपा सरकार में कद्दावर मंत्री रहे नसीमुद्दीन से पूछताछ के बाद अब बाबू सिंह कुशवाहा को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया है.

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नसीमुद्दीन सिद्दीकी (फाइल फोटो)
नसीमुद्दीन सिद्दीकी (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • स्मारक घोटाले की फिर तेज हुई जांच
  • नसीमुद्दीन सिद्दीकी से की गई पूछताछ

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले गतिविधियां तेज़ हो गई हैं. बसपा सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए स्मारक घोटाले की जांच कर रही विजिलेंस एक बार फिर सक्रिय हुई है. विजिलेंस ने बसपा सरकार में कद्दावर मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी से पूछताछ के बाद अब बाबू सिंह कुशवाहा को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया है. बाबू सिंह कुशवाहा को विजिलेंस ने 3 अगस्त को बुलाया है.

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बसपा सरकार में हुए 14 सौ करोड़ के स्मारक घोटाले में विजिलेंस ने 5 घंटे तक तत्कालीन बसपा सरकार के मंत्री और मौजूदा वक्त में कांग्रेस के मीडिया प्रभारी नसीमुद्दीन सिद्दीकी से पूछताछ की है. विजिलेंस ने नसीमुद्दीन से बीते सप्ताह 19 जुलाई को पूछताछ के बाद अब बाबू सिंह कुशवाहा को बुलाया है.

दरअसल, विजिलेंस ने बाबू सिंह कुशवाहा को भी नसीमुद्दीन सिद्दीकी के साथ बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था लेकिन खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर बाबू सिंह कुशवाहा ने अभी बयान दर्ज नहीं कराया है. विजिलेंस ने अब 3 अगस्त को बाबू सिंह कुशवाहा को बुलाया है. 

पूछताछ के दौरान किए गए ये सवाल...

नसीमुद्दीन सिद्दीकी से हुई पूछताछ के दौरान विजिलेंस टीम में स्मारक के निर्माण, निर्माण को लेकर हुई बैठक, ठेका आवंटन की कार्रवाई, स्मारक में लगे पत्थरों की ढुलाई और तराशने के काम को लेकर किए गए फैसले से जुड़े सवाल किए गए.

आरोप था कि लखनऊ और नोएडा में बने स्मारकों में लगे पत्थरों की ढुलाई में करोड़ों का खेल हुआ. स्कूटर के नंबर पर ट्रक का नंबर बता कर पत्थर ढुलाई का पेमेंट करवा लिया गया. राजस्थान से पत्थरों को लाने का दिखाकर मिर्जापुर में ही पत्थर तराशे गए. करोड़ों के इस खेल में नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा बसपा सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री रहने के चलते विजिलेंस जांच में अहम हैं.

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करीब 5 घंटे तक चली इस पूछताछ में विजिलेंस के तमाम सवालों का नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने गोलमोल जवाब दिया. कई सवालों का वक्त बीत जाने के चलते याद नहीं कह कर सवाल टाल गए. ठेका आवंटन, फंड आवंटन के फैसले पर नसीमुद्दीन कैबिनेट का फैसला बताकर सवाल टालने गए.

विभागीय सूत्रों की मानें, तो नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा के बाद विजिलेंस की टीम अब जल्द एक बड़े अफसर से भी पूछताछ करेगी. यह अफसर घोटाले की अहम कड़ी बताया जा रहा है. बीते 1 साल के दौरान विजिलेंस ने चार अफसर समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. अब एक बार फिर स्मारक घोटाले में विजिलेंस की जांच तेज हुई है. 

 

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