रैली के जरिए अपनी ताकत का प्रदर्शन करने की राजनीति में अब आम आदमी पार्टी भी शामिल होने जा रही है. खास बात यह है कि यूपी में 2 मार्च को जिस वक्त पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार पर तीर चला रहे होंगे, उसी वक्त बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी भी गुजरात मॉडल के हवाले वोट की अपील कर रहे होंगे.
पूर्व निर्धारित योजना के तहत अगर सब ठीक रहा तो आगामी दो मार्च को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ में यूपी की जनता के बीच होंगे, वहीं उसी समय कानपुर से आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल उन पर भ्रष्ट कॉरपोरेट की गोद में खेलने के लिए तीखा हमला बोलेंगे. सोनिया गांधी, नरेंद्र मोदी की तरह अब अरविंद केजरीवाल भी यूपी में चुनाव अभियान की शुरुआत कानपुर से कर रहे हैं.
'आप' नेताओं का कहना है कि उनका अभियान कानुपर से इसलिए शुरू हो रहा है क्योंकि यह सरकार को सर्वाधिक टैक्स देने वाला सबसे बदहाल शहर है. यहां नागरिक सुविधाओं की हालत खस्ता है, प्रदूषण चरम पर है, निम्न मध्यवर्ग की बड़ी आबादी है और बेरोजगार मजदूरों व युवाओं की बड़ी संख्या है. कानपुर में केजरीवाल की रैली स्थल की घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी.
गौरतलब है कि पार्टी इस समय यूपी के हर जिले में 'झाडू चलाओ-बेइमान भगाओ' यात्रा चला रही है. इन यात्राओं को रैली के लिए कानपुर की तरफ मोड़ दिया जाएगा. कानपुर नगर और कानपुर देहात दोनों जिलों में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
मोदी पर पूर्व में भी करते रहे हैं हमला
अरविंद केजरीवाल नरेंद्र मोदी पर अंबानी से चंदा लेकर हेलीकॉप्टर से सफर करने और बड़ी रैलियां करने का आरोप लगाते रहे हैं. ऐसे में 2 मार्च को दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग होने की पूरी संभावना है. बताया जाता है कि केजरीवाल उस दिन मोदी से पूछेंगे कि अगर उनकी सरकार बनती है तो क्या वे मुकेश अंबानी की कंपनी को गैस निकालने के लिए कांग्रेस जितनी या ज्यादा सहूलियत देंगे? और अगर उनकी सरकार भी कॉरपोरेट घरानों के पैसे से बनेगी तो वह यूपीए से अलग कैसे हो सकती है?