उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 35 से अधिक गायों की मौत हो गई है. बहादुरपुर ब्लॉक के कांदी गांव में एक ही दिन 35 से ज्यादा गायों की मौत से खलबली मच गई है. एक ओर प्रशासन पर गायों के रखरखाव को लेकर लापरवाही बरतने का आरोप लग रहा है. वहीं जिला प्रशासन का कहना है कि गायों की मौत की वजह आकाशी बिजली है.
जिलाधिकारी भानू चन्द्र गोस्वामी गायों की मौत को प्रथमदृष्ट्या आकाशीय बिजली गिरने से मौत होने की बात कह रहे हैं, लेकिन स्थानीय लोगों की माने तो जब से कांदी गांव में गौशाला का निर्माण हुआ, प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया. स्थानीय लोगों की मानें तो तीन दिन से लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है. इसके चलते गौशाला तालाब में तब्दील हो गया. कोई देखने वाला नहीं था. पानी बरसने से बने तालाब में दलदल में फंसकर गोवंशों की मौत हो गई.
Prayagraj: 35 cattle found dead at a temporary shelter at Kandi village in Bahadurpur. Bhanu Chandra Goswami, District Magistrate says, "Prima facie it appears that 35 cattle have died due to lightning, treatment for others underway." (11.7.19) pic.twitter.com/KvZIbi4aph
— ANI UP (@ANINewsUP) July 12, 2019
प्रशासन द्वारा 35 गायें मरने के दावे के उलट स्थानीय लोगों का कहना है कि 52 बीघे तालाब में बने इस स्थानीय गौशाला में पिछले दो-तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से तालाब पानी से भर गया जिससे भूख और पानी में फंस कर गुरुवार सुबह तक पचास से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी थी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने कांदी गांव के प्रधान सचेंद्र प्रताप सिंह के हवाले से बताया, यहां 356 गायें थीं जिसमें से 30-32 गायें मरीं. रात करीब ढाई बजे बिजली गिरी जिसके बाद मैं भागकर यहां आया हूं. बाकी बची गायों को पास की एक गौशाला में स्थानांतरित कराया गया है. मौके पर मौजूद अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) विजय शंकर दूबे ने कहा, वास्तव में आकाशीय बिजली गिरने से 22 जानवर तत्काल मर गए.
यह पूछे जाने पर कि ग्राम समाज की जमीन उपलब्ध होने के बावजूद इन गायों को तालाब में क्यों रखा गया, इस पर उन्होंने कुछ नहीं कहा. इस गौशाला में कोई टिन शेड भी नहीं है और पिछले कई दिनों से ज्यादातर गायें खुले आसमान में बारिश में भीग रही थीं.