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रायबरेली सामूहिक हत्याकांड पर भिड़े CM योगी के दो मंत्री, मौर्य और पाठक आमने-सामने

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक जाति विशेष के 5 लोगों के नरसंहार के मामले में अब सियासत गरमाने लगी है. इस मामले में अब सत्ता पक्ष के ही दो बड़े मंत्री आमने-सामने हैं. योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य जहां आज भी दबी जुबान में इन मृतकों को अपराधी बताने पर तुले हैं, वहीं कानून मंत्री बृजेश पाठक ने इशारों-इशारों में मौर्य पर ही कार्रवाई की बात कह दी.

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स्वामी प्रसाद मौर्य (बाएं) और बृजेश पाठक
स्वामी प्रसाद मौर्य (बाएं) और बृजेश पाठक

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उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक जाति विशेष के 5 लोगों के नरसंहार के मामले में अब सियासत गरमाने लगी है. इस मामले में अब सत्ता पक्ष के ही दो बड़े मंत्री आमने-सामने हैं. योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य जहां आज भी दबी जुबान में इन मृतकों को अपराधी बताने पर तुले हैं, वहीं कानून मंत्री बृजेश पाठक ने इशारों-इशारों में मौर्य पर ही कार्रवाई की बात कह दी.

दरअसल स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि 'अगर कोई मारने आएगा तो उसकी आरती नहीं उतारी जा सकती.' मौर्य के इस बयान पर बिफ़रते हुए बृजेश पाठक ने कहा कि साजिश के तहत आरोपियों को बचाने का प्रयास हो रहा है और हत्यारों को बचाने में शामिल लोगों पर भी कार्रवाई होगी. इन बयानों से साफ है कि योगी सरकार के दोनों कैबिनेट मंत्री इस मुद्दे पर आमने-सामने आ गए हैं.

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बता चलें कि रायबरेली के एसएसपी ने इस घटना को पहले हादसे का नाम दिया, फिर मारे गए लोगों को हमलावर करार दिया, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट और घटनास्थल की जांच के बाद यह साफ हो गया कि गांव के विवाद में इन 5 लोगों को पहले पीट पीटकर मार डाला गया और फिर इसे हादसे की शक्ल देने के लिए उनके हाथ पांव भी काट कर जला दिए गए. इस नृशंस घटना के बाद रायबरेली के एसपी को हटा दिया गया और मुख्यमंत्री ने इस हत्याकांड पर जांच बिठाने के साथ पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे का भी ऐलान किया.

इस मामले में सारे ही मृतक एक ही जाति के है और ऐसे में अब यह मामला जातिगत रंग लेने लगा है. इस मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर लखनऊ से लेकर रायबरेली तक धरने-प्रदर्शन का दौर जारी है और तमाम पार्टियों के ब्राह्मण विधायक, पार्टी लाइन से अलग होकर इस मुद्दे पर योगी सरकार को घेरने में जुट गए हैं.

इलाके के समाजवादी पार्टी के विधायक मनोज पांडे जो कि पीड़ितों के लिए आवाज़ बनकर उभरे हैं और अब लड़कों को न्याय दिलाने की मुहिम दिखने लगी है. चाहे बृजेश पाठक हो या मनोज पांडे इशारों में दोनों स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला कर रहे हैं और उनके मुताबिक स्वामी प्रसाद मौर्य कहीं ना कहीं हत्याकांड को अंजाम देने वाले प्रधान से जुड़े हैं.

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दरअसल 11 जुलाई से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है, जहां सरकार के लिए भी यह नृशंस हत्याकांड सिरदर्द साबित होने की संभावना है, क्योंकि तमाम दलों के ब्राम्हण विधायक इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में जुट गए हैं. ऐसे में मामले को बढ़ता देख केशव प्रसाद मौर्य ने भी कहा है कि इस नृशंस हत्याकांड को अंजाम देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.

 

 

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